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Rajrishi

Holi Celebration at Tikrapara

Holi Celebration at Tikrapara
Say good bye to old sanskaras (resolves)and celebrate holi of spiritual love
Destroy the weakness of holika with the fire of strong determination
Celebration of holi with spiritual talks at bramhakumaris spiritual Center
Dignity is the safety belt
BK Manju Ben
Second day of program in the practice of yoga (yoga sadhana)celestial brothers did 9hrs of yoga
Did deep meditation, practiced silence along had classes of motivation,royalty and dignity of Brahmin life

प्रेस-विज्ञप्ति

पुरानी बातों को हो-ली कर आत्मिक प्रेम की होली मनाएं – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी
दृढ़ संकल्प की अग्नि द्वारा कमजोरियों रूपी होलिका का करें दहन
ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेन्द्र में आध्यात्मिक रहस्यों के साथ मनाया गया होली का पर्व
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‘‘कहते हैं जैसा संग वैसा रंग। दुनिया में सबसे अच्छा रंग भगवान के संग का रंग है। इस रंग में रंगने से आपसी दुर्भावनाएं समाप्त हो जाती हैं और भाईचारे व आत्मिक प्रेम का भाव जागृत हो जाता है। वर्तमान कलियुग अंत और सतयुग आदि के संगमयुग का समय ही है जहां आत्मा और परमात्मा का मिलन होता है और आत्माएं परमात्मा के गुणों को धारण करने के रंग में रंगने लगती हैं। इसी के यादगारस्वरूप हम यह पर्व मनाते हैं। होली के तीन आध्यात्मिक अर्थ हैं – एक तो पुरानी मतभेद, दुख, अषांति दिलाने वाली बातों को भूल जाना अर्थात् हो-ली कर देना। दूसरा, होली का अंग्रेजी में शाब्दिक अर्थ पवित्रता है और तीसरा, आत्माएं परमात्मा के रंग में रंग जाती हैं। और होली मनाने से पूर्व अपने दृढ़ संकल्प रूपी अग्नि से स्वयं की कमजारियों रूपी होलिका को पहचान कर उसका दहन अवष्य करना है। तब हमारा होली मनाना सही मायने में सार्थक होगा।’’
उक्त बातें ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा सेवाकेन्द्र के हार्मनी हॉल में होली के अवसर पर आयोजित आध्यात्मिक कार्यक्रम में उपस्थित साधकों को संबोधित करते हुए सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्र.कु. मंजू दीदी जी ने कही। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत कु. गौरी व कु. प्रीति ने होली खेले रघुवीरा अवध में…. व क्यूं आगे-पीछे डोलते हो भंवरों की तरह….गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया। सभी बहनों की विषेषताओं पर आधारित स्लोगन्स बनाए गए। अंत में सभी को गुलाल का तिलक लगाकर ईष्वरीय वरदान और भोग वितरित किया गया। कार्यक्रम में रेलवे के सीनीयर सेफ्टी ऑफिसर भ्राता पी.एन. खत्री, सीएसईबी के अधिकारी भ्राता भूषण वर्मा सहित अनेक साधकगण उपस्थित हुए।
मर्यादा का पालन सेफ्टी बेल्ट की तरह – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी
योग-साधना कार्यक्रम के दूसरे दिन ब्रह्मचारी कुमारों ने की 9 घण्टे की तपस्या
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पांच दिवसीय योग-साधना कार्यक्रम के दूसरे दिन पंद्रह ब्रह्माकुमार भाईयों ने दिनभर की दिनचर्या में नौ घण्टे की तपस्या की। जिसमें गहन तपस्या, दृष्टि योग, मौन अभ्यास के साथ प्रेरणादायी उद्बोधन व ईष्वरीय ब्राह्मण जीवन की मर्यादाओें की क्लास शामिल थे। इस अवसर पर ब्र.कु. मंजू दीदी ने कहा कि जिस तरह ऊंचाईयों पर जाते समय सुरक्षा के लिए सीट बेल्ट बांधना जरूरी होता है उसी प्रकार इस जीवन की मर्यादाएं आध्यात्मिक ऊंचाईयों पर जाने के लिए सीट बेल्ट का कार्य करती हैं।
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)
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