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नारी शक्ति को आगे रखकर मान बढ़ाया ब्रह्माबाबा ने – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

बिलासपुर, टिकरापाराः- महिलाओं को समाज में उचित मान दिये जाने, उचित अधिकार मिलने और उनकी जागृति के लिए संगठन बनाने की ओर बाबा ने जो कदम बढ़ाये, वे अनूठे कदम थे। पिताश्री को कन्याओं-माताओं का अपमान सहन नहीं होता था। बाबा ने जब 8 माताओं का ट्रस्ट बनाकर अपना पूरा धन उनके नाम किया, उसमें अपने परिवार के किसी भी सदस्य का नाम नहीं रखा। ये उनके त्याग का दूसरा सबसे बड़ा कदम था। इससे पूर्व उन्हें संस्था की स्थापना के समय माताओं को सहारा देने के कारण लोगों की आलोचनाओं, विरोधों को बहुत सहन करना पड़ा। जबकि परमात्मा की प्रवेषता से पूर्व वे समाज में बहुत ही सम्मानित व्यक्तित्व – एक जौहरी थे, देष-विदेष के राजा-महाराजाओं से उनके सम्मानजनक व्यापारिक संबंध रहे।
उक्त बातें ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने पिताश्री ब्रह्माबाबा की 143वीं जयन्ति – आध्यात्मिक सषक्तिकरण दिवस के अवसर पर हार्मनी हॉल में आयोजित कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर आपने सभी को नारी शक्ति का सम्मान करने, प्रतिदिन ईष्वरीय ज्ञान मुरली का श्रवण करने व कम से कम पांच मिनट प्रतिदिन विष्व शांति के लिए अपनी शुभकामनाओं के प्रकम्पन्न फैलाने के लिए संकल्प कराया व बताया कि इस ईष्वरीय विष्व विद्यालय में प्रतिदिन आध्यात्मिक पढ़ाई पढ़ी जाती है जिसमें परमात्मा सभी के लिए चाहे वह नए हों या पुराने, पूरे 9000 सेवाकेन्द्रों में एक ही पढ़ाई पढ़ायी जाती है। जिसे कोई केवल ज्ञान की पॉइन्ट्स के रूप में बुद्धि में रखते हैं, कोई धारणा की शक्ति के रूप में अपनाते हैं। पिताश्री ने परमात्मा द्वारा दी गई षिक्षाओं को पूरा पूरा अपने जीवन में धारण किया और सबसे आगे बढ़कर सम्पूर्णता को प्राप्त हुए।
कार्यक्रम के अंत में ब्रह्माबाबा के निमित्त परमात्मा को भोग स्वीकार कराया गया व दीप जगाकर सभी बहनों के द्वारा केक काटा गया व सभी को भोग वितरित किया गया।
प्रति,
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)