Rajrishi
पवित्रता, त्याग, ईमानदारी, समर्पणता के आदर्श व एक कुशल प्रशासक थे भाईजी – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

– छ.ग. व इंदौर जोन के पूर्व निदेशक, मीडिया प्रभाग के पूर्व अध्यक्ष ओमप्रकाश भाई जी की चौथी पुण्यतिथि मनाई गई…
– नवीनतम व रचनात्मक सेवाओं से लाखों लोगों को ईष्वरीय संदेष देने के निमित्त बने भाई जी ..
– उन्होंने अपने कुशल प्रशासन से छ.ग. सहित चार राज्यों में 600 से अधिक सेवाकेन्द्रों की स्थापना कर ईश्वरीय सेवाओं का विस्तार किया…
– अपनी स्नेहमयी परवरिश व प्रेरणा देकर 1000 से अधिक बहनों को ईश्वरीय सेवाओं के लिए समर्पित कराया…
बिलासपुर, टिकरापाराः- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाई जी की चौथी पुण्यतिथि उनकी विशेषताओं को धारण करने व उनकी प्रेरणाओं पर चलने का संकल्प लेते हुए मनायी गई। इस अवसर पर टिकरापारा सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्र.कु. मंजू दीदी, राजकिशोर नगर की ब्र.कु. रूपा बहन व शशी बहन, मस्तूरी की ब्र.कु. गायत्री व ब्र.कु. नीता बहन, नरियरा की ब्र.कु. ज्ञाना बहन, बलौदा की ब्र.कु. समीक्षा व श्यामा बहन, पूर्णिमा बहन व हेमवती बहन ने पुष्प अर्पित कर अपनी भावांजलि, पुष्पांजलि व स्नेहांजलि अर्पित की।
मंजू दीदी जी ने ब्र.कु. ओमप्रकाश भाई जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भाई जी पवित्रता, त्याग, ईमानदारी, समर्पणता के आदर्श थे व एक कुशल प्रशासक थे। जिन्होंने लोगों के जीवन का नैतिक उत्थान करने व ईश्वरीय संदेश देने के लिए छ.ग. सहित मध्यप्रदेश, उड़ीसा व राजस्थान के अनेक शहरों व गांवों में 600 से अधिक सेवाकेन्द्रों, उपसेवाकेन्द्रों व हजारों ब्रह्माकुमारी पाठषालाओं की स्थापना की। उन्होंने मीडिया को सकारात्मक दिशा देने व मूल्यनिष्ठ बनाने के लिए आध्यात्म से जोड़ने का सराहनीय कार्य किया। दीदी ने बताया कि सेवा के प्रति उनकी लगन इतनी थी कि मीडिया के अलावा अन्य लाखों लोगों को आध्यात्म को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उनकी ओजस्वी वाणी व दिव्य उद्बोधन से प्रेरित होकर हजार से अधिक बहनों ने अपना जीवन ईश्वरीय सेवाओं के लिए समर्पित कर दिया। परमात्मा के श्रीमत के अनुसार उन्होंने बहनों को आगे रखते हुए किसी भी सेवाकेन्द्र का पदभार नहीं लिया और पांच बहनों का ट्रस्ट बनाकर उन्हें पूरे ज़ोन का प्रभार सौंप दिया था। उनकी शिक्षाओं को जीवन में धारण करते हुए आध्यात्मिक मार्ग में आगे बढ़ते रहना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
दीदी ने नए वर्ष के लिए सभी को स्वयं में देवतायी गुण धारण करने के उद्देष्य से अपने-अपने लिए व्यक्तिगत रूप से योजना बनाने व संकल्प का चुनाव करने के लिए प्रेरित किया!प्रति,
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)