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हमारे बोल सदा कल्याणकारी व वरदानी हों श्रापित करने वाले नहीं – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

सादर प्रकाषनार्थ
प्रेस विज्ञप्ति
हमारे बोल सदा कल्याणकारी व वरदानी हों श्रापित करने वाले नहीं – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी
व्यर्थ व अनावश्यक बातों को पकड़े रहने से मन हो जाता है पैरालाइज़्ड
गुरूवार विशेष ऑनलाइन सत्संग में वाणी की विषेषता विषय पर सुनाए गए महावाक्य
बिलासपुर, टिकरापाराः- व्यर्थ के बोल, विस्तार करने के बोल, समय बरबाद करने के बोल, अपनी कमजोरियों द्वारा दूसरों को संगदोष में लाने वाले बोल हमारी व दूसरों की ऊर्जा को नष्ट करते हैं। महान आत्माओं के हर बोल को महावाक्य कहा जाता है। महावाक्य अर्थात् महान बनाने वाले वाक्य। जैसे कोई बीज बहुत छोटा होता है लेकिन उसमें पूरा वृक्ष समाया होता है ऐसे ही हमारी वाणी में सार होना चाहिए। विश्व कल्याण में सहयोगी बनने के लिए हमारी वाणी शक्तियुक्त, स्नेहयुक्त, योगयुक्त, युक्तियुक्त, स्वमान व स्मृति को बढ़ाने वाली हो। ऐसे बोल के लिए ही कहते हैं ‘सत्य-वचन महाराज’।
उक्त बातें ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में गुरूवार को ‘‘वाणी की विशेषता’’ विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्र.कु. मंजू दीदी जी ने कही। आपने उदाहरण देकर बताया कि जैसे किसी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हेतु कोई लेख लिखते हैं तो उसे लिखने के बाद फिर से चेक करते हैं कि ठीक और प्रभावशाली है या नहीं, जो लक्ष्य व टॉपिक है उसके अनुसार लिखा है या नहीं। ऐसे ही हमें भी अपने हर रोज प्रातःकाल से रात्रि तक के व्यवहार, मन, वाणी, कर्म को चेक करना चाहिए कि कितनी प्रभावशाली रही और कितनी व्यर्थ रही। अभी का रिज़ल्ट तो यही है कि ज्यादातर बोल साधारण व व्यर्थ ही होते हैं जो अकल्याण करने में सहभागी बन जाते हैं। इसलिए अपनी जिम्मेवारी और महत्व को समझ हर बोल पर अटेन्शन रखना होगा। किसी को श्रापित करने वाले बोल के बजाय वरदानी अर्थात् उमंग-उत्साह बढ़ाने व प्रगति कराने वाले बोल हों।
कोरोना से सुरक्षा के लिए इस वर्ष चैतन्य देवियों की झांकी का आयोजन स्थगित
मंजू दीदी जी ने जानकारी दी कि नवरात्र के अवसर पर पिछले 30 वर्षों से चैतन्य देवियों की झांकी का आयोजन किया जा रहा था और विशेष पिछले कुछ वर्षों से तो वृहद स्तर पर आयोजन किया जा रहा था जिसका लाभ हजारों भक्तगण प्राप्त करते थे। किन्तु इस वर्ष कोरोना काल में शासन व ब्रह्माकुमारीज़ मुख्यालय माउण्ट आबू के निर्देषानुसार दयालबंद में लगाई जाने वाली भव्य झांकी को स्थगित कर दिया गया है ताकि सामूहिक एकत्रीकरण न हो, कोरोना संक्रमण न बढ़े व सभी सुरक्षित रहें।
प्रति,
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)