Rajrishi
औषधीय, आध्यात्मिक व प्राकृतिक महत्व का पौधा है आंवला – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

प्रेस विज्ञप्ति
औषधीय, आध्यात्मिक व प्राकृतिक महत्व का पौधा है आंवला – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी
बेल व तुलसी के समान गुणकारी होने से भगवान का प्रिय फल है आंवला
टिकरापारा बिलासपुरः- आंवला अपने प्रभावशाली गुणों के कारण पूजन योग्य है। इसमें बेल व तुलसी के पौधे के समान गुण होने से यह भगवान का प्रिय फल भी है। इसमें विटामिन-सी होने से यह बहुत गुणकारी व शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है। प्रकृति परमात्मा की सुंदर रचना है जिसमें सभी पौधे चाहे वह पुष्पीय हों, औषधीय हों, फल देने वाले हों मिलकर प्रकृति को श्रेष्ठ बनाते हैं। सतयुग-त्रेतायुग में भी इनका विशेष महत्व है इसलिए इनका सेवन करने से निरोगी काया की प्राप्ति होती है।
उक्त बातें आंवला नवमी के अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा सेवाकेन्द्र के आनंद वाटिका प्रांगण में आंवले के पौधे का औषधीय, आध्यात्मिक व प्राकृतिक महत्व बताते हुए ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने कही। इस अवसर पर राजकिशोरनगर, मस्तूरी, नरियरा, बलौदा आदि सेवाकेन्द्र की बहनें भी उपस्थित रहीं। सभी ने आंवला सहित समस्त प्रकृति का वंदन किया और उन्हें अपनी शुभ भावनाओं के प्रकम्पन्न दिए। भगवान को भोग लगाया गया और अंत में सभी ने प्रसाद ग्रहण किया।
दीदी ने जानकारी दी कि आज शाम के ऑनलाइन सत्र में ‘‘आंवला नवमी का आध्यात्मिक रहस्य’’ विषय पर ब्रह्माकुमारी पाठशाला नरियरा की प्रभारी ब्र.कु. ज्ञाना बहन संबोधित करेंगी।प्रति,
माननीय संपादक महोदय,
दैनिक………………………….
बिलासपुर, छ.ग.
प्रेस विज्ञप्ति
औषधीय, आध्यात्मिक व प्राकृतिक महत्व का पौधा है आंवला – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी
बेल व तुलसी के समान गुणकारी होने से भगवान का प्रिय फल है आंवला
टिकरापारा बिलासपुरः- आंवला अपने प्रभावशाली गुणों के कारण पूजन योग्य है। इसमें बेल व तुलसी के पौधे के समान गुण होने से यह भगवान का प्रिय फल भी है। इसमें विटामिन-सी होने से यह बहुत गुणकारी व शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है। प्रकृति परमात्मा की सुंदर रचना है जिसमें सभी पौधे चाहे वह पुष्पीय हों, औषधीय हों, फल देने वाले हों मिलकर प्रकृति को श्रेष्ठ बनाते हैं। सतयुग-त्रेतायुग में भी इनका विशेष महत्व है इसलिए इनका सेवन करने से निरोगी काया की प्राप्ति होती है।
उक्त बातें आंवला नवमी के अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा सेवाकेन्द्र के आनंद वाटिका प्रांगण में आंवले के पौधे का औषधीय, आध्यात्मिक व प्राकृतिक महत्व बताते हुए ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने कही। इस अवसर पर राजकिशोरनगर, मस्तूरी, नरियरा, बलौदा आदि सेवाकेन्द्र की बहनें भी उपस्थित रहीं। सभी ने आंवला सहित समस्त प्रकृति का वंदन किया और उन्हें अपनी शुभ भावनाओं के प्रकम्पन्न दिए। भगवान को भोग लगाया गया और अंत में सभी ने प्रसाद ग्रहण किया।
दीदी ने जानकारी दी कि आज शाम के ऑनलाइन सत्र में ‘‘आंवला नवमी का आध्यात्मिक रहस्य’’ विषय पर ब्रह्माकुमारी पाठशाला नरियरा की प्रभारी ब्र.कु. ज्ञाना बहन संबोधित करेंगी।प्रति,
माननीय संपादक महोदय,
दैनिक………………………….
बिलासपुर, छ.ग.