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Rajrishi

सबसे बड़ी संपत्ति है रूहानी सिम्पैथी (सहानुभूति) … ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

सादर प्रकाशनार्थ
प्रेस विज्ञप्ति
सबसे बड़ी संपत्ति है रूहानी सिम्पैथी (सहानुभूति) … ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी
ब्रह्माकुमारीज़ राज  किशोर नगर द्वारा स्मृति-वन में रविवार विशेष सत्संग का आयोजन
सत्संग के साथ प्रकृति को सकाश देने के लिए किया गया सामूहिक योग अभ्यास
समय और संकल्प रूपी खजानों के सदुपयोग व योग के प्रयोग से मिलेगी कम मेहनत में अधिक सफलता…
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Youtube Live Link :-  https://youtu.be/9aoLgqJFpoE

बिलासपुर राज किशोर नगरः- हर कार्य करते हुए सदा स्मृति रहे कि मैं भाग्यवान आत्मा भगवान का बच्चा हूं और भगवान मेरे हैं- यह स्मृति ही तपस्या है और तपस्या का प्रत्यक्ष फल है खुशी। भगवान से भाग्य मांगा नहीं जाता। स्वयं को उनकी संतान समझने से सर्व प्रकार के भाग्य स्वतः प्राप्त हो जाते हैं। जीवन में भारीपन तब आता है जब कोई गलती करते हैं। भगवान ने हमें प्रातः उठने से लेकर रात्रि सोने तक की श्रीमत दी है यदि हम इसके अनुसार चलते हैं तब खुश रहते हैं और जब कोई अवहेलना होती है तो दुखी हो जाते, भारीपन महसूस होता।

उक्त बातें ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने आज स्मृति-वन में आयोजित रविवार विशेष सत्संग व प्रकृति को  सकाश  देने के लिए सामूहिक योग अभ्यास कार्यक्रम में साधकों को संबोधित करते हुए कही। आपने आगे कहा कि आज दुनिया में सबसे बड़ी संपत्ति – रूहानी सिम्पैथी है जिसकी जरूरत सभी को है। चाहे गरीब हों, चाहे धनवान हों, सभी को सिम्पैथी चाहिए। और कुछ भी नहीं दो लेकिन सिम्पैथी का ही दान करना पुण्य का कार्य है। योग के प्रयोग से जीवन में कम मेहनत से अधिक सफलता की प्राप्ति होती है। इसके लिए सबसे बड़े दो खजाने – समय व संकल्प की बचत करें, सदुपयोग करें। अनुभवी के लिए समस्या खेल की तरह है। जैसे फुटबॉल खेल में बॉल आता है तो ठोकर लगाते हैं और आनन्द महसूस करते हैं।

प्रकृति को सकारात्मक प्रकम्पन्न रूपी सकाश देने के लिए कमेंट्री के द्वारा योगाभ्यास कराया गया। रूहानी शक्तिशाली वायब्रेशन्स के द्वारा वातावरण परिवर्तित होगा जिससे लोग भगवान के स्नेही से ईश्वरीय कार्य में सहयोगी और सहयोगी से फिर योगी बन जायेंगे। इस अवसर पर माउंट आबू से सकारात्मक मीडिया के प्रशिक्षण करके लौटे अमर कुम्भ्कार, राकेश गुप्ता, भूषण लाल वर्मा, संदीप बलहाल, विक्रम भाई, ब्र॰कु॰ शशी बहन व  ब्र॰कु॰ गायत्री बहन को सभी के समक्ष दीदी ने प्रैस कार्ड पहनाकर सम्मानित किया। दीदी ने बतलाया कि हर रविवार को प्रातः सत्संग का आयोजन स्मृति-वन मे ही किया जायेगा। साथ ही सत्संग पूर्व म्यूज़िकल एक्सरसाइज़ का भी अभ्यास कराया जायेगा।
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