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Rajrishi

लक्ष्य प्राप्ति है सफलता की पूंजी – ब्र.कु. डॉ.संगीता – ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में आयोजित 12 दिवसीय बाल संस्कार षिविर का आठवां दिन

प्रेस-विज्ञप्ति
लक्ष्य प्राप्ति है सफलता की पूंजी – ब्र.कु. डॉ.संगीता
ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में आयोजित 12 दिवसीय बाल संस्कार षिविर का आठवां दिनDSC08722

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‘‘हर इंसान अपने जीवन में सफलता पाना चाहता है लेकिन सही मायने में सफलता कुछ गिने-चुने लोगों को ही मिलती है। इसलिए अगर सफल होना है तो पहले आपको अपना लक्ष्य निर्धारित करना होगा क्योंकि ’’भगवान का दिया कभी अल्प नहीं होता, जो बीच में टूटे वो संकप नहीं होता, हार को लक्ष्य से दूर ही रखना, क्योंकि जीत का कोई विकल्प नहीं होता।‘‘
उक्त बातें ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में आयोजित 12 दिवसीय बाल संस्कार शिविर के आठवें दिन एन्जिल ग्रुप के बच्चों को संबोधित करते हुए डॉ. संगीता बहन ने कही। उन्होंने कहानी के माध्यम से बताया कि जब तुम सफलता को उतनी ही बुरी तरह से चाहोगे जितना कि कोई पानी में डूबते समय श्वांस लेना चाहता हो तब लक्ष्य तो मिल ही जायेगा। गायत्री मंत्र, प्रार्थना, प्रातःस्मरण, कबीर के दोहे, नीति श्लोक, गीता के श्लोक, कविता, कहानी, एरोबिक्स आदि ब्र.कु. समीक्षा, ब्र.कु. पूर्णिमा, ब्र.कु. गौरी बहन ने कराया। साथ ही ‘‘धूप में कभी छांव बनकर’’ और भगवान की बगिया के फूल है हम सारे बच्चे‘‘ गीत पर ब्र.कु. गौरी ने नन्हें बच्चों को डांस सिखाया।
खेल-खेल में दी गई योग शिक्षा
ब्रह्माकुमार अमर भाई ने खेल-खेल में योग कराते हुए बच्चों से बुरा न सुनने, न देखने, न बोलने और न सोंचने की सीख दी। उन्होंने गले के लिए सिंहासन और कान के लिए भी एक्सरसाइज का अभ्यास कराया।
डायमण्ड ग्रुप के बच्चों ने सीखा कॉम्यूनिकेषन स्कीलः-
सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने बच्चों को भाषण करने का तरीका सीखाया और टॉपिक्स भी दिये। उन्होंने कहा कि हमें किसी शायरी या कोटेशन से स्पीच की शुरूआत करनी चाहिये, और बीच में टॉपिक से संबंधित किसी दोहे या श्लोक का प्रयोग भी कर सकते हैं। माइक की स्थिति 45 डिग्री पर होनी चाहिये, सीधे खड़े रहना चाहिये, वाक्य को रिपीट नहीं करना चाहिये। कुछ बच्चों ने मंच पर आकर अपनी प्रस्तुतियां भी दीं।

भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)

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