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Rajrishi

बच्चों का सबसे बड़ा उपहार – मात-पिता का सानिध्य – मंजू दीदी

बच्चों का सबसे बड़ा उपहार – मात-पिता का सानिध्य – मंजू दीदी
अभिभावक व बच्चों के ‘‘अनमोल रिश्ते’’ पर बाल संस्कार शिविर का सम्पन्नता समारोह
नॉर्थ ईस्ट रेल्वे इंस्टीट्यूट में ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा का अद्भूत आयोजन
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‘‘ हम जब अपनी कीमती सामान दूसरों को नहीं दे सकते, तो फिर बच्चों को सम्भालने के लिए कई घण्टों तक हम दूसरों के हाथों में दे देते हैं और हम धन कमाने के लिए दिनभर बच्चों से दूर रहते हैं। ये बातें बच्चे बहुत गौर करते हैं। माता-पिता का समय मिलना, उनका सानिध्य मिलना बच्चों के लिये सबसे बड़ा उपहार है। बच्चों के साथ अभिभावकों के लिए षिविर आयोजित करने का मुख्य उद्देष्य भी यही था कि बच्चों का माता-पिता के प्रति श्रेष्ठ भावना हो और माता-पिता, बच्चों के प्रभावषाली अभिभावक कैसे बनें?’’
उक्त बातें ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में नॉर्थ ईस्ट रेल्वे इन्स्टीट्यूट के ऑडिटोरियम में आयोजित बाल संस्कार शिविर के समापन समारोह – ‘‘अनमोल रिश्ते’’ में उपस्थित अभिभावकों को संबोधित करते हुए कही। आपने अभिभावकों से निवेदन करते हुए कहा कि अपने बच्चों को कोहिनूर के हीरे से भी कीमती समझकर उनका पालन-पोषण बहुत ही केयर और अफ़ेक्शन के साथ करें। आपने बच्चों का प्रस्तुतिकरण अभिभावकों के मध्य रखते हुए उन्हें आत्मा, परमात्मा, राजयोग, समय चक्र का परिचय दिया। साथ ही बच्चों को भी यह शिक्षा दी कि मिट्टी के घड़े और बच्चों को बनान
संस्था के कार्यों का विस्तार करना हम सबका दायित्वः-
पं. सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार भ्राता राजकुमार सचदेव जी ने कहा कि शिविर का समय हम सभी अभिभावकों के लिए बहुत ही आनंद का रहा। ब्रह्माकुमारी संस्था ने जो बच्चों को दिया है और समाज को दे रही हैं, इसे समाज में और विस्तार करना हम सबका दायित्व है। हमारा समाज बहुत बड़ा है और ऐसी संस्कार देने वाली संस्थायें बहुत कम है। यह हमारी ही जिम्मेवारी है कि अपने पास-पड़ोस में भी हम ऐसा वातावरण निर्मित करें कि हम मां भारती को पुनः विश्वगुरू बनता हुआ अपनी आंखों के समक्ष देखें।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में हुआ ज्ञान, भक्ति, वैराग्य, भावना, वात्सल्य, उत्साह और प्रोत्साहन का अनोखा संगम :-
एन्जिल ग्रुप के नन्हें बच्चों से लेकर डायमण्ड गु्रप के बड़े बच्चों ने ज्ञान, भक्ति, वैराग्य, भावना, वात्सल्य, उत्साह और प्रोत्साहन से भरे गीतों के माध्यम से अपनी प्रस्तुतियां दी जिसमें जिंदगी एक किराये का घर है, एक न एक दिन बदलना पड़ेगा……भ्रूण हत्या रोकने का संदेश देता ओ री चिरैया…..परमात्म प्रेम से भरा- प्रभु प्यार का एक तराना…भगवान की बगिया के फूल हैं हम सारे बच्चे……एवं धूप में कभी छांव बनकर….., शिव भक्ति पर आधारित तू ही मेरा शिवा एवं सौराष्ट्रे सोमनाथं….,मात-पिता के प्रेम से भरा- पूछो ना है कैसी मेरी मां….एवं लुक-छिप, लुक-छिप जाओ न…. जैसे गीत शामिल रहे। श्रेयस एवं कनिष्का ने सफलता विषय पर स्पीच दिया एवं सांई श्रीकांत ने लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती……कविता पठन किया।
संस्था की ओर से अतिथियों के द्वारा बच्चों को मैडल, ईष्वरीय सौगात एवं प्रसाद दी गई.... :-
पं. सुंदरलाल शर्मा यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार भ्राता राजकुमार सचदेव जी, बिलासपुर कांग्रेस एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं पूर्व पार्षद भ्राता देवाशीष घोष जी, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रिक्की कलवानी एवं रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर भ्राता सत्यनारायण स्वर्णकार, बहन श्रीमति जी के व्ही लक्ष्मी के द्वारा सभी बच्चों को संस्था की ओर से मैडल, ईश्वरीय सौगात एवं प्रसाद दिया गया। इससे पूर्व सेवाकेन्द्र पर प्रातः शिविर के दौरान सभी बच्चों को सर्टिफिकेट भी दी गई।
सोमवार से राजयोग मेडिटेशन कोर्स प्रारम्भः-
मंजू दीदी ने जानकारी दी कि सोमवार 22 जून से प्रतिदिन सायं 7 बजे राजयोग मेडिटेशन कोर्स का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही युवाओं के लिए 8 जून से निःशुल्क पांच दिवसीय युवा संस्कार शिविर का आयोजन टिकरापारा सेवाकेन्द्र पर किया जा रहा है जिसका थीम रहेगा- ऊंची सोच, युवा की खोज। इस शिविर में मुम्बई के बीके एक्सपर्ट्स युवाओं को सम्बोधित करेंगे। जिसके विषय होंगे- सेफ्टी थ्रू स्प्रिचुअलिटी, डिस्कवर एण्ड एप्रीशियेट द सेल्फ, होलिस्टिक पर्सनैलिटी, हीलिंग एडीक्शन, वैल्यू फॉर वैल्यूज़, इन्टरनेट से इनरनेट, बैलेन्स शीट ऑफ लाइफ इत्यादि होंगे।
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)
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