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Rajrishi

छ.ग. योग आयोग एवं महिला पतंजलि के संयुक्त तत्वाधान में नवसंवत्सर एवं राष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन

प्रेस-विज्ञप्ति
माता-पिता हैं घर के जीवित भगवान – संजय अग्रवाल
छ.ग. योग आयोग एवं महिला पतंजलि के संयुक्त तत्वाधान में नवसंवत्सर एवं राष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
‘‘छ.ग.योग आयोग एवं महिला पतंजलि के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय महिला दिवस, नवसंवत्सर 2100 दीप प्रज्ज्वलन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए छ.ग. योग आयोग के अध्यक्ष संजय अग्रवाल जी ने सभी को नववर्ष की बधाई देते हुए कहा कि इस नवरात्र पर सभी एक नई प्रथा शुरू करें कि मंदिर में चुनर चढ़ाने तो जाते ही हैं लेकिन यदि आप अपने घर में अपनी मां को एक चुनर ओढ़ा कर तो देखिये वह मंदिर की माता भी प्रसन्न हो जाएगी और हमारी मां भी प्रसन्न हो जाएगी। व्हाट्सअप, फेसबुक आदि पर बधाईयां तो हम भेजते हैं लेकिन साथ ही लोगों के घर जाकर मिलें, उन्हें सम्मुख बधाई दें, सोषल वेबसाइट्स पर अधिक समय बिताना छोड़कर कुछ पल अपने माता-पिता के साथ बैठें, उनकी शुभभावनाओं से भरे प्रकम्पन्न स्वतः हमारे भीतर आने लगेंगे, जो हमें हर परिस्थिति में सुरि़क्षत रखेंगे। दुनिया में वे लोग बहुत भाग्यषाली हैं जिनके माता-पिता जीवित हैं।
धरती पर स्वर्ग लाने के लिए मुट्ठी भर लोग ही पर्याप्त हैं  – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी
छ.ग. योग आयोग की सदस्य ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने कहा कि जिस प्रकार महाभारत के युद्ध में अनगिनत कौरव सेना थी फिर भी पांच पांडव और उनके सहयोगियों की विजय हुई उसी प्रकार सृष्टि के परिवर्तन के लिए केवल पांच प्रतिषत सकारात्मक व्यक्ति ही पर्याप्त हैं। यदि हम सतयुगी, सकारात्मकता से भरी सोच को जीवन में उतार लेंगे तो सतयुगी दुनिया आने में देर नहीं लगेगी और यही हमारा यथार्थ नववर्ष मनाना होगा। वर्तमान कलियुग अंत और सतयुग आदि के संगम के समय में परमात्मा स्वयं इस धरा पर अवतरित होकर विष्व परिवर्तन की बागडोर माताओं-बहनों को सौंपते हैं जिस कार्य में सभी सहयोगी बनते हैं। माताओं-बहनों की महिमा अनंत हैं, सभी मातृषक्ति अपनी शक्तियों को पहचानें, अपने को कमजोर न समझें।
पतंजलि योगपीठ के द्वारा 18 मार्च को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस उपलक्ष में योग आयोग के अध्यक्ष संजय अग्रवाल जी के द्वारा ब्र.कु. मंजू दीदी को बुके देकर समस्त महिलाओं का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में महिला पतंजलि के वरिष्ठ सदस्य, अनेक महिलाएं, बच्चे व पुरूष वर्ग उपस्थित हुए।
ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा सेवाकेन्द्र में चल रही योग-प्राणायाम की निःषुल्क कक्षा
टिकरापारा सेवाकेन्द्र पर प्रतिदिन सुबह 8 से 9 बजे आसन-प्राणायाम की निःषुल्क कक्षा शुरू हो चुकी है। स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए सभी आयु एवं वर्ग के व्यक्ति शामिल हो सकते हैं। टिकरापारा सेवाकेन्द्र में रंगोली सजाकर एवं दीप जलाकर नववर्ष की खुषियां मनायी गई। रंगोली बनाने में संगीता बहन, गौरी बहन, इंद्रा बहन एवं रामनाथ भाई मुख्य रूप से सहयोगी बने।
ये जानकारी सेवाकेन्द्र की सदस्य उषा साहू ने दी।
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)
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