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Rajrishi

रविवार विशेष सकारात्मक चिंतन की क्लास

विशेषता देखने का चश्मा पहनें तो कमजोरियां दिखाई नहीं देंगी – ब्र.कु. मंजू दीदी
रविवार विशेष सकारात्मक चिंतन की क्लास

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‘‘हम जिस रंग का चश्मा पहनते हैं हर चीज हमें उसी रंग की दिखने लगती है उसी प्रकार जब हम अपने दृष्टिकोण में विशेषता रूपी चश्मा धारण करेंगे तो हर एक की विशेषता ही दिखाई देगी। और जब हम विशेषताओं को कार्य में लगायेंगे तो वह वैसे ही वृद्धि को प्राप्त करेगा जैसे एक बीज से अनेक फल निकलते हैं। हम कमजोरी देखने का नजरिया बदल दें। कहते हैं किसी ने देखा कीचड़ में कमल, तो किसी ने चांद में भी दाग देखा। जब हम किसी की कमजोरी देखते हैं, उसका चिंतन करते हैं तो वह कमजोरी अपने ही भीतर प्रवेश कर जाती है।’’
उक्त बातें ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में आयोजित रविवारीय स्पेशल क्लास में सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्र.कु. मंजू दीदी जी ने सकारात्मक समूह के साधकों को संबोधित करते हुए कही। आपने आगे कहा कि वर्तमान समय विशेष पुरूषोत्तम संगमयुग का समय चल रहा है, इसे व्यर्थ न गंवायंे। इस समय में ऐसा श्रेष्ठ कार्य कर लेना चाहिये क्योंकि परचिंतन-परदर्शन का कार्य तो हमने जन्म-जन्मांतर किया है। कमजोरियों का चिंतन करने व ईष्र्या आदि के कारण मंथरा की व शकुनी की कथा बन जाती है और परिणामस्वरूप महाभारत युद्ध का रूप बन जाता है। दुनिया में सबसे प्रिय और सबसे शक्तिशाली चीज शान्ति है। जैसे भगवान को शान्ति का सागर कहा जाता है और हम उनकी संतान हैं तो हमारा कर्म, बोल और व्यवहार भी ऐसा हो कि हमसे भी सभी को शान्ति की अनुभूति हो। ऐसी सेवा करने से स्वयं को भी खुशी होगी। और सच्ची सेवा भी वह है जिसमें सर्व की दुआओं के साथ खुशी की अनुभूति हो।
हर बार की तरह आज भी माह के तृतीय रविवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया और सायं 6.30 से 7.30 बजे विश्व शांति के लिये सामूहिक योग अभ्यास भी किया गया।

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