Rajrishi
ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में ग्रामवासियों के साथ मनाया गया दीवाली स्नेह मिलन
प्रेस-विज्ञप्ति
निंदा व आलोचना स्वीकार करें तो प्रगति निष्चित
व्यवहार में सरलता और स्नेह से व्यक्ति बनता है महान-ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी
ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में ग्रामवासियों के साथ मनाया गया दीवाली स्नेह मिलन
‘‘निंदा हमारी जो करे मित्र हमारा सोय। जीवन में यदि हम आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमें किसी भी हालत में निंदा या आलोचना को स्वीकार करना ही होगा। और ऐसा भी स्वाभाविक है कि जो भी आगे बढ़ता है उसकी आलोचना या निंदा होना तो निष्चित ही है। इन्हें स्वीकार करने के लिये हमें आध्यात्मिक शक्ति की निरंतर आवष्यकता है। क्योंकि चारों तरफ का वातावरण नकारात्मकता का है और यदि हम अपनी दिनचर्या का कम से कम एक घण्टा नियमित रूप से आध्यात्मिकता में देते हैं तब हमारा सषक्तिकरण व हर क्षेत्र में उन्नति होनी है।’’
उक्त बातें ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में आयोजित दीवाली स्नेह मिलन कार्यक्रम के अवसर पर अकलतरा, मस्तूरी, अकलतरी एवं आसपास के गांव से आये हुए भाई-बहनों एवं टिकरापारा व राजकिषोरनगर के साधकों को संबोधित करते हुए सेवाकेन्द्र प्रभारी मंजू दीदी जी ने कही। आपने आज के सकारात्मक चिंतन क्लास की बातें सुनाते हुए कहा कि यदि हम स्वयं को पूर्वज समझते हैं तो हमारे अंदर बड़प्पन का गुण आयेगा और ये उक्ति सार्थक होगी कि क्षमा बड़न को चाहिये और छोटन को उत्पात। ये भाव भी उत्पन्न होगा कि हम सभी के हैं और सभी हमारे हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम ने हृदय के कोरों को किया नम
दीवाली एवं भाईदूज स्नेह मिलन के अवसर पर बहुत सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। ज्योति कलष छलके गीत के माध्यम से नृत्य करते हुए एक अलौकिक रीति से उपस्थित सभा से दीप प्रज्ज्वलित कराया गया एवं आज आनंद का दिन आया रे…. गीत पर कु. गौरी एवं कु. संध्या ने एवं सिलसिला ये चाहत का न मैंने बुझने दिया…गीत पर कु. वर्षा बहन ने बहुत ही सुंदर नृत्य प्रस्तुत कर सभी के हृदय के कोरों को नम कर दिया।
नागपुर से पधारी संगीत षिक्षिका बहन ममता सगदेव ने मेरे भैया, मेरे चंदा, मेरे अनमोल रतन गीत, रेलवे ऑफिसर भ्राता घनष्याम विष्वकर्मा ने छत्तीसगढ़ी गीत मोर संग चलव रे, मोर संग चलव गा….गीत, होरीलाल भाई एवं संदीप भाई ने भी गीत प्रस्तुत किया। भावेष भाई एवं होरीलाल भाई ने मां शेरावालिये तेरा शेर आ गया गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया। अंत में मंजू दीदी ने सभी को भाईदूज का तिलक लगाया। सेवाकेन्द्र की ओर से सभी के लिये ब्रह्माभोजन का भी आयोजन किया गया।