आध्यात्मिक शक्ति से होगी बेटी की रक्षा- ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ विषय पर संगोष्ठी आयोजित
‘‘केवल स्कूल-कॉलेज की षिक्षा बेटी को नहीं बचा सकती। बेटी की रक्षा के लिये या बेटे की दिषा गलत होने से बचाने के लिये आध्यात्म की शक्ति की आवष्यकता है। साथ ही परिवार के सभी सदस्यों का भी षिक्षित, खुले विचारों वाला व आध्यात्मिक होना उतना ही जरूरी है। वर्तमान समय परमात्मा षिव इस धरा पर अवतरित होकर मातृ शक्ति का मान बढ़ाते हैं, उनमें अपार शक्तियों का संचार करते हैं और दिव्यगुणधारी पूजनीय बनाते हैं जिनके ही दिव्य कर्तव्यों के यादगार में हम नदियों को गंगा, यमुना, कावेरी, नर्मदा इत्यादि नामों से पुकारते हैं। धन, बुद्धि और शक्ति मांगने के लिये भी मां लक्ष्मी, सरस्वती व दुर्गा की पूजा करते हैं और भारत को भी भारतमाता कहा जाता है भारतपिता नहीं, वन्दे मातरम् कहा जाता है वन्दे पितरम् नहीं।’’
उक्त बातें ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा सेवाकेन्द्र प्रभारी मंजू दीदी जी ने एनएसएस द्वारा आयोजित बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, समय-प्रबंधन एवं व्यवहारकुषलता विषयों पर आधारित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कही। आपने समय का महत्व और व्यवहारकुषलता के बारे बताते हुए कहा कि समय बहुत ही अमूल्य है, हमें समय और अपने विचारों को व्यर्थ जाने नहीं देना चाहिये। और जीवन में सदा काल का आनंद प्राप्त करने के लिये उसे व्यसन, इच्छाओं की पूर्ति, वैभवों की प्राप्ति में न ढ़ूंढ़ें बल्कि अपने जीवन में सकारात्मक चिंतन को अपना लें तो सदा खुष रहेंगे।
इस अवसर पर डी. पी. विप्र महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ, विमल पटेल, सहायक प्राध्यापक डॉ, मधुसुदन तम्बोली एवं राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी एवं सहायक प्राध्यापिका बहन रेणु नायर ने भी अपने विचार दिये।