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Rajrishi

आओ मनाएं मकर सक्रांति

आओ मनाएं मकर सक्रांति

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☆~☆~☆ मकर सक्रांति का सन्देश☆~☆~☆

नव वर्ष 2017 के भव्य स्वागत के पश्चात,
अब समय है लाएं तरावट, मधुरता के साथ।
ऋतू परिवर्तन और फसलों का सुखद आगमन,
सांस्कृतिक उमंग-उत्साह से खिल उठा मन-चमन।

फिर आया मकर सक्रांति का पावन त्यौहार,
उड़ती पतंगों समान बनें स्वतंत्र सदाबहार।
सब पर चढ़ा है पतंगी करामात का जूनून,
विकारों से मुक्त बनकर पाएं स्वतंत्रता व सुकून।

पाप से मुक्ति के लिए करते गंगा स्नान, भक्ति भाव सहित,
सच्चा ज्ञान सागर हैं सत्यम-शिवम्-सुंदरम जो है परम मित्र।
संगम पर ज्ञान सागर – ज्ञान नदियों का लगा है सच्चा रूहानी मेला,
ब्रह्मा के तन द्वारा शिव रचते इसे अभी जो है बेहद का अमृतवेला।

इस मेले से होता आत्मा-परमात्मा का सच्चा-२ मिलन,
ज्ञान मानसरोवर में लगाकर डुबकी आत्मा बन जाती सुमन।
भक्ति के मेलों से होता धन, शक्ति आदि का व्यय,
सच्चे मेले से स्वराज्य अधिकारी बनकर आ जाता समन्वय।

पतित सृष्टि व आत्माओं को पावन बनाना ही इसका उद्देश्य,
ज्ञान सागर के ज्ञान रत्नों से बनना देवी-देवता यही है लक्ष्य।
आओ, शिव के ज्ञान-योग पंख लगाकर उड़ें बनकर पतंग,
ज्ञान सागर में ज्ञान स्नान कर जगाएं स्व में नव तरंग।

एक दिन का ये नहीं त्योंहार
मनाते रहें इसे हम बारम्बार
ॐ शांति के मंत्र के बल पर
जग में फैलाएं सच्ची शांति

आओ मनाएं मकर सक्रांति

स्नेह बढ़ाएं आपस में हम
अब ना संशय का नाम रहे
करें वैर विरोध को अलविदा
मिटाकर अपने मन की भ्रान्ति

आओ मनाएं मकर सक्रांति

मेलजोल हो आपस का इतना
बनें तिल और गुड़ के समान
ईश्वरीय श्रीमत के आधार पर
शुद्ध विचारों की लाएं क्रांति

आओ मनाएं मकर सक्रांति

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