Rajrishi
श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का छठवां दिन रमतला के बजरंग चौक गुड़ी मंदिर प्रांगण में*

*सादर प्रकाशनार्थ*
*प्रेस- विज्ञप्ति*
*कृष्ण-सुदामा मिलन की कथा ने किया भाव-विभोर :- *
*श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का छठवां दिन रमतला के बजरंग चौक गुड़ी मंदिर प्रांगण में*
*साथ में राजयोग शिविर का भी आयोजन सुबह 10:00 से 11:30 के बीच में हो रहा है*
*बिलासपुर टिकरापारा* *कथा स्थल ग्राम रमतला* “श्रीमद भागवत गीता ज्ञान यज्ञ दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक रखा गया है बड़ी संख्या में श्रद्धालु आयोजन स्थल पर एकत्रित हो रहे है ठाकुर परिवार के तत्वाधान में श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन कृष्णा-सुदामा के मिलन का वर्णन किया गया
सुदामा से परमात्मा ने मित्रता का धर्म निभाया।राजा के मित्र राजा होते है रंक नहीं,पर परमात्मा ने कहा कि मेरे भक्त जिसके पास प्रेम धन है वह निर्धन हो नहीं सकता। कृष्ण और सुदामा दो मित्र का मिलन ही नहीं आत्मा व परमात्मा तथा भक्त और भगवान का मिलन है। जिसे देखने वाले अचंभित रह गए थे आज मनुष्य को ऐसे आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए राजयोगिनी तपश्विनी ब्रह्माकुमारी शशि प्रभा दीदी जी अपनी उद्बोधन में कहा कि द्वारपाल के मुख से सुदामा शब्द सुनते ही भगवान श्रीकृष्ण ने जैसे अपनी सुध बुध खो दी और वह नंगे पाँव ही दौर पड़े द्वार की ओर। दोनों बाहें फैलाकर उन्होंने सुदामा को हृदय से लगा लिया। भगवान को देखकर सुदामा की आंखे बरस पड़ी। उनसे अश्रु की धारा लगातार बहे जा रही थी। तदन्तर भगवान श्रीकृष्ण सुदामा को ले गए उन्होंने बचपन के प्रिय सखा को अपने सोफा पर बैठाकर उनका चरण धोना प्रारम्भ किया।”देखि सुदामा की दीन दसा, करुना करिके करुनानिधि रोये।
पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैनन के जलसों पग धोये।” सुदामा कि दिन-दशा को देखकर चरण धोने के लिए रखे गए जल को स्पर्श करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ी। करुणा सागर के अश्रु धारा की वर्षा से ही मित्र के पैर धूल गये कृष्ण-सुदामा प्रसंग पर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे।
श्रद्धा के बिना भक्ति नहीं होती तथा विशुद्ध हृदय में ही भगवान टिकती है।भगवान के चरणों में सर्वश्व समर्पण करके अपने अंतः कारण में प्रेम पूर्वक अनुसन्धान करना ही भक्ति है श्रीकृष्ण को सत्य के नाम से पुकारा गया। जहा सत्य हो वही भगवान का जन्म होता है परमात्मा जिज्ञासा का विषय है परीक्षा का नहीं
साथ ही कृष्ण-सुदामा की मनोरम झांकी सजायी गयी जिसे देखकर श्रद्धालुओ की आंखे नम हो गयी जिसमे मुख्य रूप से बंटी भाई ,होरीलाल भाई, विनय भाई अमर भाई, मुस्कान बहन,शारदा बहन ने प्रस्तुति दी।