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Azadi ke Amrit Mahotsav

नर्सों की सेवाएं अमूल्य व अद्वितीय हैं – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

सादर प्रकाषनार्थ

प्रेस विज्ञप्ति

*नर्सों की सेवाएं अमूल्य व अद्वितीय हैं – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी*

*अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस पर ब्रह्माकुमारीज़ राज किशोर नगर द्वारा नर्सों का किया गया सम्मान*

बिलासपुर राज किशोर नगर :- आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस पर *ब्रह्माकुमारीज़ के मेडिकल प्रभाग* द्वारा नर्सों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज किशोर नगर सेवाकेन्द्र में आयोजित आध्यात्मिक कार्यक्रम में उपस्थित 15 नर्स बहनों को श्रीफल, पुष्प, मेडिटेशन लैम्प, नैपकिन, चादर, व योग सीखने की पुस्तक सौगात देकर व अमृत महोत्सव का पट्टा पहनाकर सम्मानित किया गया। दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। नर्स बहनों ने अपने नर्स जीवन के अनुभव साझा किए। अंत में सभी को प्रसाद भी दिया गया।

 

*ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने कहा* कि नर्स बहनों का जीवन त्यागयुक्त, सेवायुक्त जीवन है। जब व्यक्ति हॉस्पीटल में होता है तब उसकी करोड़ों की संपत्ति भी एक तरफ रह जाती है। उसे एक गिलास पानी भी देने वाला कोई नहीं होता उस समय नर्स ही उसे दवा-पानी देती है। उस धन से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण सहयोग का नोट होता है। सहयोग के नोट का मूल्य नहीं आंका जा सकता। ऐसे में उनके आत्म सषक्तिकरण व मनोबल बढ़ाने के लिए मेडिटेषन व सकारात्मक चिंतन की खुराक बहुत जरूरी है। जिससे सशक्त मन से सेवा कर सकें जीवन में कभी भी उदासी न आये।

 

*वरिष्ठ नर्स सिस्टर बिजोली सिन्हा* ने कहा कि मरीजों की सेवा करने वाली नर्स प्रकाश की देवी, सेवा की देवी है। डॉक्टर तो कुछ पल देखकर चले जाते हैं लेकिन बाकी कार्य तो नर्स ही करती हैं। जब नर्सेस ट्रेनिंग होती है तब हाथ में दीपक लेकर प्रतिज्ञा कराई जाती है कि जैसे दिये का प्रकाष सभी दिषाओं में फैलता है उसी प्रकार नर्स को भी हर जगह जाकर सेवा करनी है।

 

*वरिष्ठ नर्स सिस्टर सावित्री सिंह ने कहा* कि मुझे यहां आने से बहुत अपनेपन का एहसास होता है। हमें ऊर्जावान होने के लिए सेवाकेन्द्र से जुड़ना चाहिए। शिवबाबा हमारे परमपिता हैं। उनके सानिध्य में आने से ही शक्ति व निश्चिंतता का अनुभव होता है।

*सिस्टर पिंकी मतीन ने* इस तरह से सम्मान के लिए संस्था व बहनों का धन्यवाद किया।

 

*सिस्टर माधुरी चौधरी ने कहा* कि वैसे तो हम नर्सों को प्रकाष की देवी कहा जाता है लेकिन संस्था की दीदियां जो ज्ञान का प्रकाष चारों ओर फैलाकर लोगों के जीवन से दुख-अषान्ति को दूर करती हैं वे ही सच्ची प्रकाष की देवी हैं।

 

*सिस्टर रानी ठाकुर ने कोविड के दौरान का अपना अनुभव साझा करते हुए कहा* कि कोविड के प्रथम दौर में जब अपोलो हॉस्पीटल में पीपीई किट पहनकर हर पेषेन्ट की देखभाल किया करते थे तब हमें भी डर लगता था कि हम वापस घर जा पायेंगे या नहीं। कितने लोगों को देहत्याग करते और कितनों को तड़पते हुए देखते थे। वो तकलीफ, वो दर्द भूलाया नहीं जा सकता। ऐसा नहीं है कि हम आनंद की जिंदगी जीते हैं। हमें सेवा करते हुए भी बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हमें कभी मरीज भी बातें सुना देते, गालियां भी देते, मरीज के संबंधी भी चार बातें सुनाकर चले जाते। डॉक्टर्स की भी डांट खाते हैं। यह सब सहने की शक्ति भगवान ने नर्सों को दी है। भगवान ने हमें बहुत स्पेशल बनाया है। जो ताकत नर्सों में है वह डॉक्टर में नहीं। यह सेवा करते-करते मेरी डिप्रेशन जैसी स्थिति हो गई थी लेकिन जब संस्था के संपर्क में आई और मेडिटेशन सीखा, पॉजिटिव विचार सुने तो आंतरिक शक्ति का विकास हुआ और मन में स्थिरता आई।

 

ये अनुभव सुनकर सभी की आंखें नम हो गई। कार्यक्रम में सिस्टर ललिता जामुल्कर, सिस्टर दीपीका मानिकपुरी, सिस्टर सरस्वती यादव, सिस्टर शान्ति पालके, सिस्टर रश्मि कौशिक, सिस्टर सावित्री, सिस्टर के.विजयलक्ष्मी, सिस्टर अनिता साहू सहित अन्य बहनें, माताएं व भाई उपस्थित रहे।

 

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