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Azadi ke Amrit Mahotsav

जल-जन अभियान के तहत राज किशोर नगर सेवाकेन्द्र में हुआ कार्यक्रम

अनमोल निधि है जल – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

प्रकृति के पांचों तत्वों का सम्मान करें….

जल-जन अभियान के तहत राज किशोर नगर सेवाकेन्द्र में हुआ कार्यक्रम

रामकथा में आए हुए साधकों ने लिया जल संरक्षण का शपथ

ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान द्वारा पूरे भारतवर्ष में 22 से 28 मार्च तक मनाया गया जल सप्ताह

बिलासपुर राज किशोर नगर : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा पूरे भारत में 22 से 28 मार्च तक जल सप्ताह के रूप में मनाया गया। इसी श्रृंखला में राज किशोर नगर स्थित शिव-अनुराग भवन सेवाकेन्द्र में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने सभी को जल का विवेकपूर्ण प्रयोग कर जल संरक्षण करने संकल्पित कराया। आपने कहा कि जल अनमोल निधि है। स्वयं तो जल को बर्बाद करें ही नहीं साथ ही अपने परिवार के सदस्यों, मित्रों और पड़ोसियों को भी जल का युक्तियुक्त प्रयोग और जल की एक बूंद भी बरबाद नहीं करूंगा।

दीदी ने कहा कि कभी-भी बारिश हो तो कोसने वाले शब्द जैसे- ‘‘बारिश को भी अभी आना था!’’, ‘‘छी-भई बारिश होने लग गई’’ आदि-आदि शब्दों का प्रयोग कभी न करें। प्रकृति के पांचों तत्वों का सम्मान करें और उनका धन्यवाद करते हुए सकाश अर्थात् सकारात्मक प्रकम्पन्न दिया करें।

कार्यक्रम में रेलवे क्षेत्र से मुख्य भण्डार सामग्री प्रबंधक ओमप्रकाश सिंह, पूर्व थाना प्रभारी इन्द्र नारायण सिंह, बीएसएनएल के पूर्व कार्यपालक अभियंता राजेन्द्र कुमार गुप्ता, पूर्व प्राचार्य शान्तनु सिंह, मस्तूरी, कोटमीसुनार, नरियरा, बलौद, टिकरापारा आदि स्थानों से आयी हुई ब्रह्माकुमारी रूपा बहन, ज्ञाना बहन, हेमवती बहन, शशी बहन, गायत्री बहन, पूर्णिमा बहन, ईश्वरी बहन, श्यामा बहन, नीता बहन, प्रीति बहन एवं रामकथा सुनने उपस्थित सभी श्रद्धालुजन शामिल रहे।

अंत में सभी ब्रह्माकुमारी बहनों का साफा पहनाकर सम्मान किया गया। कु. गौरी ने पूछो ना है कैसी मेरी मां… गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया। सभी कुमारी बहनों के लिए कन्याभोज का आयोजन किया गया।

अनमोल निधि है जल – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

प्रकृति के पांचों तत्वों का सम्मान करें….

जल-जन अभियान के तहत राज किशोर नगर सेवाकेन्द्र में हुआ कार्यक्रम

रामकथा में आए हुए साधकों ने ली जल संरक्षण की शपथ

ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान द्वारा पूरे भारतवर्ष में 22 से 28 मार्च तक मनाया गया जल सप्ताह

बिलासपुर राज किशोर नगर : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा पूरे भारत में 22 से 28 मार्च तक जल सप्ताह के रूप में मनाया गया। इसी श्रृंखला में राज किशोर नगर स्थित शिव-अनुराग भवन सेवाकेन्द्र में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने सभी को जल का विवेकपूर्ण प्रयोग कर जल संरक्षण करने संकल्पित कराया। आपने कहा कि जल अनमोल निधि है। स्वयं तो जल को बर्बाद करें ही नहीं साथ ही अपने परिवार के सदस्यों, मित्रों और पड़ोसियों को भी जल का युक्तियुक्त प्रयोग और जल की एक बूंद भी बरबाद नहीं करेंगे ऐसी शपथ दिलाई ।

 

दीदी ने कहा कि जल संरक्षण के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति आवश्यक है। जल को हाथ में लेकर शपथ लेने की परंपरा है पर आज गंगा जैसी पवित्र नदी का ही जल दूषित हो गया है तो अब जल संरक्षण मानव की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। दैनिक जीवन मे छोटे छोटे उपाय से जल को व्यर्थ बहने से बचाया जा सकता है।अब सतयुग आना ही है इसलिए पर्यावरण को अभी शुद्ध करना है। कोरोना के समय उद्योग के उपर प्रतिबंध के कारण प्रकृति ने अपना निर्मल स्वरूप दिखाया भी।

 

दीदी ने आगे कहा कि कभी-भी बारिश हो तो कोसने वाले शब्द जैसे- ‘‘बारिश को भी अभी आना था!’’, ‘‘छी-भई बारिश होने लग गई’’ आदि-आदि शब्दों का प्रयोग कभी न करें। प्रकृति के पांचों तत्वों का सम्मान करें और उनका धन्यवाद करते हुए सकाश अर्थात् सकारात्मक प्रकम्पन्न दिया करें।

 

कार्यक्रम में रेलवे क्षेत्र से मुख्य भण्डार सामग्री प्रबंधक ओमप्रकाश सिंह, पूर्व थाना प्रभारी इन्द्र नारायण सिंह, बीएसएनएल के पूर्व कार्यपालक अभियंता राजेन्द्र कुमार गुप्ता, पूर्व प्राचार्य शान्तनु सिंह, मस्तूरी, कोटमीसुनार, नरियरा, बलौदा, टिकरापारा आदि स्थानों से आयी हुई ब्रह्माकुमारी रूपा बहन, ज्ञाना बहन, हेमवती बहन, शशी बहन, गायत्री बहन, पूर्णिमा बहन, ईश्वरी बहन, श्यामा बहन, नीता बहन, प्रीति बहन एवं रामकथा सुनने उपस्थित सभी श्रद्धालुजन शामिल रहे।

अंत में सभी ब्रह्माकुमारी बहनों का साफा पहनाकर सम्मान किया गया। कु. गौरी ने पूछो ना है कैसी मेरी मां… गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया। सभी कुमारी बहनों के लिए कन्याभोज का आयोजन किया गया।

 

रामायण मे वर्णन है कि सीता माता स्वामी की सेवा का महत्व जान दास दासियों के होते भी घर के कार्य कुशलता से स्वयं करती थी। दरअसल यह अभी का दृष्टांत है कि दादी – दीदी व ब्रह्माकुमार ओम प्रकाश भाई जैसे कई वरिष्ठ भाईयों ने धनाढ्य परिवार से होते हुए भी समर्पित होने के बाद सेवाकेन्द्र के सभी कार्य खुद करके दिखाया। आज गृहणियों को सीता माता से प्रेरणा लेनी चाहिए।