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अपने कर्मों से शिक्षा देते थे दीदी मनमोहिनी जी – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी*

सादर प्रकाशनार्थ
प्रेस विज्ञप्ति
*अपने कर्मों से शिक्षा देते थे दीदी मनमोहिनी जी – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी*
*ब्रह्माकुमारीज़ की पूर्व प्रशासिका दीदी मनमोहिनी जी की पुण्यतिथि मनाई गई…*
बिलासपुर टिकरापारा – प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की पूर्व प्रशासिका दीदी मनमोहिनी जी की पुण्यतिथि मनाई गई। दीदी मनमोहिनी जी ने दादी प्रकाशमणी जी के साथ संयुक्त रूप से कुशलतापूर्वक संस्था का कार्यभार संभाला। 28 जुलाई 1983 को उन्होंने अपने भौतिक देह का त्याग कर दिया।
टिकरापारा सेवाकेन्द्र में दीदीजी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए मंजू दीदीजी ने कहा कि दीदी को सच्चाई और सफाई अति प्रिय थी। अगर कोई अपनी गलती सच्चे दिल से महसूस कर लेता तो उसे क्षमा कर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते थे। वे अंदर बाहर स्वच्छ साफ थी, उनकी कथनी और करनी में समानता थी जो दूसरों को कहती वह पहले खुद करके दिखाते थे। अपने कर्मों से शिक्षा देते थे।
आपने बतलाया कि दीदी जी की बुद्धि स्वच्छ व स्पष्ट थी जो सामने कैसा भी व्यक्ति आता, उन्हें परख कर उनके प्रश्नों का उत्तर देकर परमात्मा का बना देती थी। दीदी जी कहती थी कि आपस में प्रेम से रहना चाहिए, एक ने कहा दूसरे ने माना इससे आपसी प्रेम बढ़ता है l दीदी जी ने स्नेह की भासना से सभी का संबंध एक परमात्मा से जुड़ाया। हर एक से निस्वार्थ प्रेम करती थी, अपकारी पर भी उपकार की भावना रखती थी। कोई उल्टा- सुल्टा बोलता तो भी दीदी जी कहती कि इसका दोष नहीं है इसलिए कभी भी बदला लेने का ख्याल नहीं करो दूसरों को बदलने के बजाय खुद को बदल लो।
इस अवसर पर सेवाकेंद्र में दीदी मनमोहनी जी के निमित्त भोग लगाया गया तथा सेवाकेंद्र के भाई बहनों ने दीदी मनमोहनी जी की शिक्षा व को धारण करने का संकल्प लेते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।