ईश्वर से जोड़ने का विद्यालय है ब्रह्माकुमारी आश्रम – जी.डी. शर्मा
आलस्य व बहानेबाजी की नींद से जागना ही सच्चा जागरण – ब्र.कु. मंजू दीदी
टिकरापारा सेवाकेन्द्र में धूमधाम से मनाया गया षिवरात्रि का पर्व

‘‘ हम हजारों रिसर्च कर लें, कई डिग्रियां हासिल कर लें किन्तु ये सभी आध्यात्मिकता के बिना अधूरी हैं। हम जानते हैं कि क्रोध करना बुरा है लेकिन हमें उससे स्वयं को होने वाले नुकसान का पता नहीं है। हमें जब मालूम होगा कि साधारण क्रोध करने मात्र से ही हमारे शरीर की 4 लाख न्यूरॉन कोषिकायें नष्ट हो जाती हैं तो जरूर हम क्रोध से बचने का प्रयास करेंगे। इसके विपरीत यदि हम प्रेम को अपनाते हैं तो जीवन की लांगिविटी बढ़ती जाती है। ब्रह्माकुमारी संस्था लारजेस्ट लेडिज़ मैनेज ऑर्गेनाइजेषन है क्योंकि उनमें मातृत्व भावना होती है। हमें उनके सम्पर्क में आने से प्रेम के गुण के कारण शान्ति मिलती है और विज्ञान के हिसाब से ब्रह्माण्ड की सबसे बड़ी जटिलता (Comlexity) बहनों-माताओं में पायी जाती है जो वे एक कोषिका से पूरे शरीर का निर्माण कर देती हैं। हम कितनी भी डिग्रियां ले लें, कितना भी रिसर्च कर लें लेकिन जब हम ज्ञान, गुण, शक्तियों के सागर परमात्मा षिव को पहचान लेंगे तो ये सब हमें सागर की एक बूंद की तरह लगेंगे। परमात्मा को याद करने से हमारी सभी जहरीली चीजें उन्हें समर्पित हो जाती हैं। ’’
ये बातें बिलासपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति भ्राता जी.डी. शर्मा जी (गौरीदत्त शर्मा जी) ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा सेवाकेन्द्र के आनंद वाटिका प्रांगण में 81वें महाषिवरात्रि पर आयोजित कार्यक्रम में सभा को संबोधित करते हुए कही। आपने संस्था के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह विद्यालय वृद्ध, युवा और विषेषतः बच्चों के मस्तिष्क का विकास कर उन्हें भी श्रेष्ठ संस्कार देते हुए ईष्वर से जोड़ने कार्य कर रही है।
टिकरापारा सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने पर्व की आध्यात्मिकता बताते हुए कहा कि आलस्य, अलबेलेपन और बहानेबाजी की नींद से जागना ही सच्चा जागरण है, अंक का फूल क्रोध के समर्पण का प्रतीक है और व्रत पवित्रता की व दृढ़ संकल्प की निषानी है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत कु. गौरी, कु. संध्या एवं कु. वर्षा बहन ने परमात्मा षिव के गीतों पर भक्तिपूर्ण प्रस्तुतियों से सभी को उमंग-उत्साह से भर दिया। जी.डी. शर्मा जी, बिलासा एवं रतनपुर शास. महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य भ्राता ए.के. त्रिपाठी जी एवं मंजू दीदी जी के द्वारा परमात्मा षिव का ध्वज फहराया गया एवं केक भी काटा गया।
इस अवसर पर अतिथियों व ब्र.कु. मंजू दीदी के द्वारा सेवाकेन्द्र में नवनिर्मित सभागार का उद्घाटन किया गया। अंत में अतिथियों को सौगात दी गई एवं सभी षिवभक्तों को प्रसाद वितरित किया गया।