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Rajrishi

रक्षाबंधन के संग तिरंगे का रंग – ब्रह्माकुमारी ज्ञाना दीदी

सादर प्रकाशनार्थ
प्रेस विज्ञप्ति
रक्षाबंधन के संग तिरंगे का रंग – ब्रह्माकुमारी ज्ञाना दीदी

मधुर बोल,शुभ विचार,दिव्य संस्कार यही है जीवन का सार – ब्रम्हाकुमारी शशिप्रभा

*पवित्रता के प्रतीक रक्षाबंधन से हुआ ‘हर घर तिरंगा’ – तिरंगा सप्ताह का आगाज़
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के नरियारा में हुआ आयोजन*

नरियारा :- आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत 11 से 17 अगस्त तक आयोजित तिरंगा सप्ताह – ‘हर घर तिरगा’ का धूमधाम से शुभारम्भ हुआ। रक्षाबंधन के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईष्वरीय विष्व विद्यालय नरियारा के शाखा में आयोजित आध्यात्मिक कार्यक्रम में उपस्थित साधकों ने तिरंगा फहरा कर अपनी खुशीयां जाहिर की।

ज्ञाना दीदी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ के प्रति 20 जनवरी को प्रधानमंत्री जी ने जिस विश्वास के साथ देश की अपेक्षाएं रखीं और मुख्यालय में वर्चुअल रूप से अमृत महोत्सव का शुभारम्भ किया उन अपेक्षाओं को संस्था बखूबी पूरी कर रहा है। संस्था इस अमृत महोत्सव को स्वर्णिम भारत की स्थापना के लिए सुनहरे अवसर के रूप में देख रहा है और शासन द्वारा बनाए गए हर कार्यक्रम को बहुत ही उमंग, उत्साह, लगन व श्रद्धापूर्वक मना रहा है।
ब्रम्हाकुमारी शशिप्रभा :-
जीवन में आशातीत व सकारात्मक परिवर्तन करने हेतु आसपास के गांव के लोगों को सत्संग लाभ देकर परमात्मा की ओर से रक्षासूत्र बांधा गया और पवित्रता व देशभक्ति का भाव दिल में रखने के लिए सभी को संकल्पित किया गया। ब्रम्हाकुमारी शशिप्रभा ने कहा कि पवित्रता को अपनाने में ही राखी पर्व की सार्थकता है। अपनी बुद्धि को सोने का बर्तन अर्थात् पवित्र बनाने के लिए हमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार रूपी बुराईयों को छोड़ना होगा। भगवान हमसे इन विकारों को छोड़ने के लिए केवल इस अंतिम समय- पुरूषोत्तम संगमयुग पर ही कहते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि ब्रह्मचर्य ही केवल पवित्रता नहीं है अपितु विचारों की पवित्रता,बोल की पवित्रता, खानपान की पवित्रता इसकी बहुत गहराई है कोई कुछ भी बोले हमें सब के लिए मधुर बोल ही बोलने हैं सबके लिए हमारे मन में शुभ विचार ही हमें लाने हैं हमें किसी भी प्राणी मात्र को दुख नहीं देना है सबकी रक्षा करनी है अपने भोजन को शाकाहारी शुद्ध बनाना है कर्म को श्रेष्ठ बनाना है ।

अंत में सभी को परमात्मा की ओर से रक्षा सूत्र बांधा गया आत्मिक स्मृति का तिलकऔर मुख मीठा करा कर रक्षाबंधन की बधाईयां दी गई और सभी ने तिरंगा ध्वज लहरायाl

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