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Rajrishi

मात-पिता के जीते जी उनकी कद्र जरूर करें… ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

सादर प्रकाशनार्थ

प्रेस विज्ञप्ति

मात-पिता के जीते जी उनकी कद्र जरूर करें… ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

आंसू न बहाएं क्योंकि आंसू हमारे स्नेही आत्मा को तकलीफ देते हैं… ब्रह्माकुमारी सविता दीदी

अपने संस्कारों से हजारों के जीवन में आध्यात्मिक शक्ति का संचार करने वाली महान आत्मा को निश्चित ही ईश्वर अपने समीप रखेंगे… भ्राता अमर अग्रवाल

दर्द में मां और भय में पिता की याद जरूर आती है…

‘स्नेहान्जलि’ कार्यक्रम में सरिता बल्हाल (मंजू दीदी की माताजी) को दी गई श्रद्धान्जलि

बिलासपुर टिकरापारा:- जहां में जिसका अंत नहीं वो मां है और बरगद की छांव की तरह जिनका सानिध्य हो वो पिता हैं। मात-पिता के जीते जी उनकी कद्र जरूर करें क्योंकि हमारे लिए की गई उनकी मेहनत, त्याग, स्नेह, ममता व परवरिश का रिटर्न देना संभव नहीं है। उनके जाने के बाद सिवाय पश्चाताप के और कुछ नहीं बचेगा। अपने मन में वो भाव जागृत करें।

उक्त बातें ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा सेवाकेन्द्र के हार्मनी हाॅल में सरिता बल्हाल बहनजी के लिए आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने कही।

 

पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल जी ने कहा कि दर्द में हमेंशा मां की और भय में पिता की याद आती है। किसी के जीवन में माता या पिता का चले जाना सर्वाधिक दुख का क्षण होता है। उनका जीवन धन्य है जो उनके संस्कारों की वजह से ब्रह्माकुमारी बहनें समर्पित होकर हजारों लोगों के जीवन में आध्यात्मिक शक्ति का संचार कर रही हैं। ऐसी मां को मैं प्रणाम करता हूं। ऐसी महान आत्मा को निश्चित ही ईश्वर अपने समीप रखेंगे।

शुभम विहार सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी सविता दीदी जी ने कहा कि यदि हम असली श्रद्धांजलि देना चाहते हैं तो हमें आंसू बहाना रोकना होगा क्योंकि हमारे रोने से उस आत्मा को आगे की यात्रा में तकलीफ होगी। मुझे अपने आध्यात्मिक मार्ग की प्रेरणा आई(सरिता बल्हाल बहनजी) से ही मिली। उन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष लोगों को ईश्वरीय संदेश देने व जीवन सुधारने में बिताया है। इसलिए उनके आगे का जन्म भी ईश्वरीय सेवा को आगे बढ़ाने के लिए होगा।

 

सरस्वती शिशु मंदिर की पूर्व प्राचार्या बहन स्मृति भूरंगी जी ने उनके साथ का अनुभव सुनाते हुए कहा कि उनका जीवन कर्मठता, प्रमाणिक कर्तव्य, त्याग, सहनशीलता, सेवाभाव को लेकर उदाहरण स्वरूप था। वे एक-एक व्यक्ति का महत्व समझती थीं। और आध्यात्म की सभी धारणाओं का दृढ़ता से पालन करती थीं।

 

इस अवसर पर रेल्वे क्षेत्र के पुलिस उप-महानिरीक्षक भ्राता भवानीशंकर नाथ जी, विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के सदस्य, शहर के गणमान्य नागरिक एवं संस्था से जुड़े शहर व गांव से अनेक लोगों ने उपस्थित हो पुष्प अर्पित किये और अपनी भावभीनी श्रद्धान्जलि दी।

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