Rajrishi
उदारता,एकता, महादान समरसता और समृद्धि का प्रतीक है छेरछेरा- ब्रम्हाकुमारी शशिप्रभा

प्रेस विज्ञप्ति
सादर प्रकाशनार्थ:
ब्रह्माकुमारीज मस्तूरी में अन्न दान का लोक पर्व छेरछेरा आध्यात्मिक रूप से मनाया गया l
उदारता,एकता, महादान समरसता और समृद्धि का प्रतीक है छेरछेरा- ब्रम्हाकुमारी शशिप्रभा
छत्तीसगढ़ की परंपराओं का दिल से सम्मान करने का ब्रम्हाकुमारी बहनों व बच्चों ने लिया संकल्पl
मस्तूरी l प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में अन्नदान का महापर्व छेरछेरा बहुत उत्साह पूर्वक और अलौकिक रूप से मनाया गया, छत्तीसगढ़ में यह पर्व नई फसल के खलिहान से घर आने की खुशी में पौष मास की पूर्णिमा को छेरछेरा पुन्नी तिहार के रूप में मनाया जाता है राजयोग शिक्षिका ब्रम्हाकुमारी शशिप्रभा ने छेरछेरा का आध्यात्मिक रहस्य बच्चों को समझाते हुए कहा कि महादान और फसल उत्सव के रूप में मनाया जाने वाला छेरछेरा पर्व छत्तीसगढ़ की सामाजिक समरसता समृद्धि, दानशीलता, उदारता और एकता का प्रतीक है और हमें हमेशा छत्तीसगढ़ की परंपराओं का सम्मान कर उत्साह पूर्वक इसे मनाना चाहिए छेरछेरा पर्व हमें ऊंच-नीच के भेदभाव को मिटाकर अहंकार से मुक्त निर्मानता धारण करने की शिक्षा देता हैऔर हमें याद दिलाता है हम सब एक छत्तीसगढ़ महतारी की संतान है यह त्यौहार हमें एकता के सूत्र में बांधता है,छत्तीसगढ़ की माटी हमें इतना कुछ देती है हम सभी का कर्तव्य है कि छत्तीसगढ़ महतारी कीआन बान और शान को हम सदैव बनाए रखेंl अंत में सभी बच्चों ने छत्तीसगढ की परंपराओं का हमेशा दिल से सम्मान करने और उसे उत्साह पूर्वक मनाने का संकल्प लिया l ब्रम्हाकुमारी श्यामा बहन ने सभी को छेरछेरा स्वरूप में ईश्वरीय प्रसाद और चावल का भोग दिया l