Rajrishi
कोरबा – आध्यात्मिक सप्ताह में राजयोग प्रषिक्षण
आध्यात्मिक सप्ताह में राजयोग प्रषिक्षण
कोरबा-9.03.2017- जिला प्रषासन ़द्वारा जिला स्तरीय अधिकारियों के लिये आयोजित आध्यात्मिक सप्ताह में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईष्वरीय विष्व विद्यालय द्वारा दो दिवसीय तनाव मुक्ति जीवन षैली के लिये राजयोग प्रषिक्षण दिया गया। ब्रह्माकुमारी मंजू बहन बिलासपुर ने कहा कि आप यदि अपने जीवन को सदा खुषियां, आनंद और सुख-षांति-समृद्धि से भरपूर करना चाहते हो तो अपने दृश्टिकोण में परिवर्तन लाना आवष्यक है। नकारात्मक बातों और वातावरण से किनारा कर अपनी विचार धारा को सकारात्मक मोड़ देना होगा। कोई भी व्यक्ति आपको गलत कह रहा है, लेकिन उसे भी यह अंदर से मालूम रहता है कि मैं गलत कर रहा हूंॅ। गलत बातों से आपकी ख्याति तो बढ़ती ही है लेकिन रूप उल्टा होता है। आपको प्रषंसा और उपकार का उपहार मिलने की जगह, अनेक बातों का सामना करना पड़ता है। सहनषील बनने की भी आवयकता होती है। आपने कहा कि जब संस्था की स्थापना का षुभारम्भ हुआ तो संस्था के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा को कई बातों को सहन करना पड़ा। उस समय टाईम्स आफ अमेरिका में भी यह प्रकाषित हो गया कि एक जोहरी भारत में है, जो कि अपने को कृश्ण का अवतार मानता है और कहता है कि मुझे 16108 रानियां चाहिए, जिसमें से 400 रानियां हो गईं हैं। आज वही संस्थान सतत् मानव उत्थान में प्रगतिषील है। यह संयुक्त राश्ट्र संघ का अषासकीय सदस्य है और अनेकानेक पुरस्कार प्राप्त कर षांतिदूत के रूप में अग्रणी है। आज जिला प्रषासन ने भी यह मान्यता देकर यहां आमंत्रित किया है। नैतिकता की सदा ही अनैतिकता पर विजय होती है। प्रकाष के आगे अंधकार ठहर नहीं सकता। सत्य स्वयं सिद्ध है उसे किसी की गवाही की आवष्यकता नहीं होती। हॉं आज आपकी यह परीक्षा की घड़ी है, तो उसमें पास होकर दिखलाईये। संस्था के संस्थापक जो कि समाज में एक सम्मानित, प्रतिश्ठित हीरे जवाहरातों के व्यापारी थे। उन्हें 1936 में 60 वर्श की आयु में कई प्रकार के साक्षात्कार हुए। आपने समाज में माताओं बहनों का मनोबल बढ़ाने के लिये उनका स्वाभिमान बढ़ाने के लिये 8 माताओं-बहनों का ट्रस्ट बनाकर अपनी करोड़ों की सम्पत्ति उनके चरणों में समर्पित कर दी थी। लेकिन लोगों ने तो उनको अपने काले चष्में से देखा था। उस समय यह संगठन निष्चित ही 400 माताओं-बहनों का था। जिसे ओम मण्डली के नाम से जाना जाता था। यदि हीरा सच्चा है तो वह अपनी चमक कीचड़ व अंधकार में भी उतनी ही रखता है जितना कि सामान्य अवस्था में। आपके पास जो भी भौतिक समृद्धि व सम्पन्नता है, वह सिर्फ क्षणिक है जो आज है, तो कल नहीं रहेगी। इसलिये इन सभी चीजों का अभिमान रखना एक भूल है। आपकी बुद्धिमत्ता, गुण व कला भी ईष्वर का एक उपहार है, न कि आपकी स्वयं की अमानत। ब्रह्माकुमारी रूकमणी बहन ने कहा कि जीवन है तो उतार चढ़ाव तो होगें ही। प्रषासन में भी अनेक प्रकार की समस्यायें तो आती हैं, लेकिन तनाव व टेन्षन में न आकर अटेन्षन देंगें तो हर मुष्किल सहज हो जायेगी। ब्रह्माकुमारी बिन्दु बहन ने कहा कि अपनी आंतरिक स्व-स्थिति को जितना मजबूत बनायेगें तो हर बात एक खेल की तरह अनुभव होगीं। घबराते वे हैं जिन्हें अनुभव व ज्ञान की कमी होती है। भ्राता विष्वास राव मेश्राम डिप्टी कलेक्टर कोरबा ने प्रषिक्षण का कुषल संचालन तथा भ्राता आर.पी.सिन्दे पर्यावरण अधिकारी ने कार्यक्रम के संयोजन में अपनी भूमिका निभाई। भ्राता सी.एल. नोन्हारे उप संचालक जन सम्पर्क विभाग ने धन्यवाद् ज्ञापन किया। भ्राता पी.दयानन्द जिलाधीष महोदय जी ने भी अपना षुभकामना संदेष प्रेशित किया।