Rajrishi
राज किशोर नगर की झांकी में मूर्तियों के माध्यम से बताई जा रही भगवान भोलेनाथ की महिमा

सादर प्रकाशनार्थ
प्रेस विज्ञप्ति
*आत्माएं अनेक व परमात्मा एक है*
*सर्व के नाथ व ईश्वर परमपिता परमात्मा शिव हैं….*
*राज किशोर नगर की झांकी में मूर्तियों के माध्यम से बताई जा रही भगवान भोलेनाथ की महिमा*
बिलासपुर टिकरापारा :- ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा शिव-अनुराग भवन प्रांगण राज किशोर नगर में लगायी गयी झांकी में संस्था से जुड़े सेवाधारी भाई-बहनों द्वारा भगवान भोलेनाथ की महिमा, परिचय एवं उनसे शक्ति लेने की विधि बताई जा रही है। इसके लिए सर्व आत्माओं के पिता, परमात्मा एक है व द्वादश ज्योतिर्लिंग की अलग-अलग झांकी सजायी गई है।
सर्व आत्माओं के पिता स्टॉल में बताया गया कि भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग अर्थात् निराकार ज्योतिस्वरूप को सभी धर्मों में स्वीकार किया गया है। क्राइस्ट कहते है परमात्मा मोमबत्ती के प्रकाश के समान हैं और हम आत्माएं उनके बच्चे हैं। इसलिए गिरिजाघरों में परमात्मा के प्रतीक के रूप में एक बड़ी मोमबत्ती और आत्माओं की निशानी के रूप में बहुत सारी छोटी मोमबत्तियां जगाते हैं।
मुस्लिम धर्म में नूर-ए-इलाही अर्थात् ज्योति के रूप में ही भगवान को याद करते हैं। गुरूनानक साहब ने भी भगवान की महिमा में कहा है कि एक नूर ते सब जग उपजा अर्थात् वह ज्योति ही सर्व के रचयिता हैं। ऐसे ही गौतम बुद्ध एवं महावीर स्वामी को ज्योति का ही साक्षात्कार हुआ और सबसे मुख्य हिन्दू अर्थात् आदि सनातन देवी-देवता धर्म में घर-घर में शिवलिंग देखने को मिलता है।
इस संसार में तैतीस करोड़ देवी-देवताएं अर्थात् देव आत्माएं हुए, धर्म आत्माओं ने आकर अलग-अलग धर्मां की स्थापना की, ऐसे ही महात्माएं, पुण्यात्माएं या पाप आत्माएं अनेक हैं लेकिन परमात्मा कोई डिग्री, उपाधि या पद नहीं कि हम ही परमात्मा बन जाएं, परमात्मा तो एक ही भगवान भोलेनाथ शिव हैं।
द्वादष ज्योतिर्लिंग या अन्य शिव मंदिरों के नाम का हम अवलोकन करते हैं तो ज्यादातर यही देखने को मिलेगा कि सभी शिवलिंग के नाम के बाद या तो ईष्वर या तो नाथ जुड़ता है। जैसे ओंकारेश्वर, महाकालेश्वर, घृष्णेश्वर, नागेश्वर, रामेश्वर, गोपेश्वर, सोमनाथ, अमरनाथ, वैद्यनाथ आदि नाम दर्षाते हैं कि सर्व के ईश्वर व नाथ भगवान शिव हैं।
भगवान को सर्वशक्तिमान, ज्ञान, प्रेम, सुख, शान्ति, आनन्द, पवित्रता का सागर भी कहा जाता है। जब परमात्मा से हम अपना संबंध जोड़कर उन्हें याद करते हैं तब एकाग्रता के अनुसार धीरे-धीरे ये सभी गुण हमारे अंदर आते जाते हैं।
उक्त जानकारी सेवाकेन्द्र के मीडिया सदस्य ब्रह्माकुमार अमर भाई ने दी। उन्होंने बतलाया कि यह झांकी 26 फरवरी तक रहेगी जिन्हें भी इसका लाभ लेना हो वे ले सकते हैं।