Rajrishi
*थाट पाइजनिंग फूड पाइजनिंग से ज्यादा खतरनाक: ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी*

*थाट पाइजनिंग फूड पाइजनिंग से ज्यादा खतरनाक: ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी*
श्रीमदभगवदगीता से मनो रोग दूर करने का श्रेष्ठ मार्ग मिलता है…
बिलासपुर: शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे उपस्थित भगवत् गीता प्रेमियों को संबोधित करते हुए ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने कहा कि भगवत् गीता मनोरोग दूर करने का श्रेष्ठ मार्ग दिखाता है। जैसे फूड पाइजनिंग के रोगी वमन (उल्टी) के पश्चात राहत का अनुभव करते है वैसे ही गंदे नकारात्मक विचार से भरी बुद्धि अपनी गंदगी उडेलने का काम संबंध संपर्क के बीच करती है। किसी व्यक्ति की तलाश करती है। इसका दुष्परिणाम घर और समाज का माहौल खराब हो जाता है। हमे ऐसे लोगों के बीच रहते स्वयं को नकारात्मक प्रभाव से मुक्त रखना है। भगवत् गीता के आठवे अध्याय मे तपस्वी जीवन को स्पष्ट करते भगवान अर्जुन से कहते है कि महान तपस्वीजन ब्रह्मचर्य का दृढता से पालन कर पूर्ण रूप से मुझे याद करते है लेकिन इसके लिए घर बार छोड़ना नही है। साधनों का अनासक्त भाव से प्रयोग करते मन बुद्धि से भगवान को याद करना ही तपस्वी जीवन है। इसलिए भगवत् गीता गृहस्थियो के लिए ही है।
16वे श्लोक मे भगवान कहते है इस भौतिक सृष्टि में सभी लोकों मे ब्रह्मा के साथ तुम्हें उच्चलोक तक पुनर्जन्म की प्राप्ति होती रहेगी। इसके साथ ही मेरे लोक मे भी तुम्हे स्थान प्राप्त होगा।
17 वे श्लोक मे ब्रह्मा के दिन और रात को स्पष्ट करते हुए दीदी ने कहा कि सतयुग त्रेता युग ब्रह्मा का दिन और द्वापर कलयुग ब्रह्मा की रात है।
सभी प्राणियों मे मनुष्य श्रेष्ठ होने के कारण प्रकृति सहित सभी जीवों की रक्षा का दायित्व परमात्मा ने हमें दिया है। दीदी ने कहा जो परिस्थितियां हमे चैलैन्ज लगती है वही हमे चेंज भी करती है।