बच्चों की प्रतिभाओं को निखारें अभिभावक – ब्रकु. मंजू दीदी
परीक्षा परिणामों से पूर्व सभी अभिभावकों से विनम्र अनुरोध


‘‘परीक्षाओं का दौर लगभग समाप्ति की ओर है सभी अभिभावक अपने बच्चों के रिजल्ट को लेकर निष्चित ही चिंतित हो रहे होंगे लेकिन हमें यह भी ध्यान में रखना होगा कि सभी छात्र जो परीक्षा में शामिल हो रहे हैं उन्हीं में ही कई कलाकार हैं जिन्हें गणित में विषेषज्ञ बनना जरूरी नहीं है, कई उद्यमी भी हैं जिन्हें अंग्रेजी साहित्य और इतिहास में कुछ कठिनाई महसूस होती होगी लेकिन भविष्य में ये इतिहास बदल देंगे, इनमें संगीतकार भी हैं जिनके लिये रसायनषास्त्र के अंक मायने नहीं रखते, कई तो खिलाड़ी भी हैं जिनकी फिज़ीकल फिटनेस, फिज़ीक्स के अंकों से ज्यादा महत्वपूर्ण है। यदि बच्चे मैरिट अंक प्राप्त करते हैं तो ये बहुत अच्छी बात है लेकिन यदि वे ऐसा नहीं कर पाते तो क्पया उनसे उनका आत्मविश्वास न छीनें। उन्हें बतायें कि सब कुछ ठीक है, ये तो सिर्फ परीक्षा है। जीवन में हमारी उपस्थिति इससे अधिक बड़ी चीजों को करने के लिये है किसी एक कक्षा के कम स्कोर से कोई फर्क नहीं पड़ता है। बच्चों को प्यार दें और उनके बारे में अपना फैसला न सुनायें। इसके बजाय यदि आप उन्हें खुशमिज़ाज़ बनाते हैं तो वे कुछ ंभी बनें, उनका जीवन सफल है यदि वे खुश नहीं है तो वे कुछ भी बन जायें लेकिन सफल नहीं कहलायेंगे। कृपया ऐसा करके देखें, आप पायेंगे कि आपका बच्चा पूरी दुनिया को जीतने में सक्षम है। किसी एक परीक्षा में ऊंचे अंक प्राप्त करना जीवन की सफलता का पैमाना नहीं होता।’’
उक्त बातें ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्र.कु. मंजू दीदी जी ने टिकरापारा में उपस्थित सभी अभिभावकों से विनम्र अनुरोध करते हुए कही। आपने बताया कि बच्चों को कभी ये टारगेट न दें कि बहुत पढ़ोगे, फिर अच्छे अंक आयेंगे, फिर बड़े ऑफिसर बनोगे, फिर पैसे कमाओगे तब खुशी मिलेगी, और हम भी खुश होंगे इसके बजाय उन्हें खुषी-खुशी पढ़ाई करने कहें। यदि खुश रहकर पढ़ाई करेंगे तो बाकी चीजें स्वतः ही आती जायेंगी।
मंजू दीदी ने शहर के सभी अभिभावकों के लिये भी यही संदेष दिया।