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कोषिष करने वालों की कभी हार नहीं होती – ब्र.कु. मंजू दीदी – ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में बाल संस्कार षिविर का पहला दिन
कोषिष करने वालों की कभी हार नहीं होती – ब्र.कु. मंजू दीदी
ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में बाल संस्कार षिविर का पहला दिन
‘‘जीवन में किसी भी कार्य का निरंतर अभ्यास करते रहने से मूढ़मति इंसान भी बुद्धिमान बन जाता है और सफलता प्राप्त कर लेता है। इसी प्रकार निरंतर अभ्यास के कारण ही अर्जुन श्रेष्ठ धनुर्धर बना। जीवन में कुछ किए बिना जय जयकार नहीं होती, कोषिष करते रहने से कभी हार नहीं होती, हमारी मेहनत कभी-भी बेकार नहीं होती। कर्म करते रहें, उसके फल की इच्छा न करें। हमारा पूरा फोकस लक्ष्य पर रहेगा तो सफलता निष्चित ही मिलेगी।’’
उक्त विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईष्वरीय विष्व विद्यालय के टिकरापारा सेवाकेन्द्र के हार्मनी हाल में आयोजित बाल संस्कार षिविर के पहले दिन बच्चों को संबोधित करते हुए सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्र.कु. मंजू दीदी जी ने दिये। आपने रहीम के दोहों के माध्यम से बच्चों को समय का महत्व बताया। कु. गौरी बहन ने बच्चों को तुम दो कदम बढ़ो, मैं दस कदम बढ़ूंगा…. एवं धुप में कभी छांव बनकर…..गीत पर एक्षन डांस सिखाया।
इससे पूर्व शुरूआत में मंजू दीदी जी ने ध्यानमुद्रा का महत्व बताते हुए मेडिटेषन का अभ्यास कराया। एवं बच्चों को स्वयं मुस्कुराने व माता-पिता को दिनभर में कई बार मुस्कुराते रहने को कहने का होमवर्क भी दिया।
अंत में जी.के. श्रेयस, पूर्वी देषपाण्डे, हर्षिता एवं चन्द्रगुप्त शर्मा ने सभी बच्चों के समक्ष आज के षिविर का सारांष सुनाया। एवं राजऋषि भाई ने यौगिक जॉगिंग के 12 स्टेप्स का अभ्यास कराया।
माउण्ट आबू से पधारे भाईयों ने दीप प्रज्वलन कर नवनिर्मित सभागार ‘‘हॉर्मनी हॉल’’ एवं षिविर का शुभारम्भ किया।
ईष्वरीय सेवाओं के लिए सेवाकेन्द्र में नवनिर्मित ‘‘हॉर्मनी हाल’’ का माउण्ट आबू से पधारे ब्रह्माकुमार बद्रीनाथ भाई, संतोष भाई, खिलावन भाई एवं अभिमन्यु भाई व मंजू दीदी ने सभी बच्चों व अभिभावकों के समक्ष दीप प्रज्वलन कर शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमार बद्रीनाथ भाई ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब वे छठवीं कक्षा में ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेन्द्र पर आकर ज्ञान सुना तब से आज तक उन्होंने अपषब्द या गंदे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया और उन्होंने बच्चों को भी यही बात कही कि कभी-भी अपनी जुबान में अपषब्द या गलत शब्द आने नहीं देना है।
ब्रह्माकुमार संतोष भाई ने कहा कि सभी बच्चे भविष्य निर्माण के आधार हैं। इतनी संख्या में बच्चों को संस्कारों की षिक्षा लेते हुए देखकर बहुत खुषी हो रही है।
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)