Connect with us
 

Rajrishi

अनुशासन की डोरी से जीवन की पतंग जायेगी ऊंची – स्नेहल सगदेव – ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में 12 दिवसीय बाल संस्कार शिविर का पांचवा दिन

प्रेस-विज्ञप्ति
अनुशासन की डोरी से जीवन की पतंग जायेगी ऊंची – स्नेहल सगदेव
ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में 12 दिवसीय बाल संस्कार शिविर का पांचवा दिन
1 (3) 1 (4)
1 (1)
‘‘हमें सभी के प्रति परोपकार की भावना रखनी चाहिये, जहां जरूरत हो वहां तुरंत ही मदद के लिए चले जायें। इस मदद का फल दुआओं के रूप में हमारे खाते में जमा हो जाता है, और यही दुआएं कठिन समय में हमारा साथ देती हैं। दुआएं जमा करने के अवसर कम मिलते हैं और जब मिले तो दूसरों की मदद अवष्य करें। जिस प्रकार फूल या इत्र बेचने वाले के शरीर से ही फूलों या इत्रों की खुषबू आने लगती है, दूसरों के हाथ में मेहन्दी लगाने वाले के हाथ स्वतः रंग जाते हैं, उसी प्रकार दूसरों पर उपकार करने से स्वयं का जीवन स्वतः सुखी बन जाता है।’
उक्त बातें प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईष्वरीय विष्व विद्यालय के टिकरापारा सेवाकेन्द्र के हार्मनी हाल में आयोजित 12 दिवसीय बाल संस्कार षिविर के पांचवे दिन बच्चों को संबोधित करते हुए नागपुर से पधारी बहन स्नेहल सगदेव ने कही। आपने रहीम के दोहे- यो रहीम सुख होत है, उपकारी के संग, बांटनवारे को लगे, ज्यो मेहन्दी के रंग…. के साथ उक्त बातों को समझाया।
गोल्डन एज में जाने के लिए बनना होगा गोल्डन – ब्र.कु. मंजू दीदी
जिस प्रकार ऋतुओं के चार प्रकार हैं- शरद, ग्रीष्म, वर्षा और बसंत जो चक्र में चलते रहते हैं उसी प्रकार यह सृष्टि चक्र भी चार भागों में बंटा हुआ है गोल्डन अर्थात् सतयुग, सिल्वर अथार्त् त्रेतायुग, कॉपर अर्थात् द्वापरयुग एवं आइरन एज अर्थात् कलयुग जो कि समय चक्र के रूप चलता ही रहता है। किन्तु कलयुग और सतयुग में रात-दिन का फर्क है। कलयुग से सीधे ही हम सतयुग में नहीं जा सकते, सतयुग में जाने के लिए हमें यह समय मिला है जिसमें हमें दिव्य गुणों को जीवन में धारण करना है इसलिए वर्तमान समय को डायमण्ड एज अर्थात् पुरूषोत्तम संगमयुग कहा जाता है यह समय मनुष्य से देवतायी संस्कार धारण करने का समय है। इस समय में स्वयं भगवान षिव इस धरती पर आकर राजयोग की षिक्षा देकर गोल्डन एज में जाने के लिए सिलेक्षन का कार्य कर रहे हैं और भारत को पुनः जगत्गुरू का स्थान दिलाने का अनुपम कार्य कर रहे हैं।
बच्चों को दिखाया गया इमोषन्स पर आधारित विडीयोः-
दीदी ने बच्चों को श्रेष्ठ कर्म करते रहने और पुण्य जमा करते रहने की सलाह दी और कहा कि अंत समय में सब कुछ तो यहीं रह जाता है केवल हमारे पुण्य कर्म ही हमारे साथ जाते हैं। सभी को जिन्दगी एक किराये का घर है, एक न एक दिन बदलना पड़ेगा, ऐसी हो जायेगी तेरी हालत कि काम नहीं आयेगी दौलत और ताकत….विडीयो गीत दिखाया गया, जिसे देख सभी इमोषनल हो गये।
यौगिक जॉगिंग के 12 स्टेप्स का किया अभ्यास
गौरी बहन ने सभी बच्चों को षिक्षाप्रद गीत-सोचना क्या जो भी होगा देखा जायेगा….गीत पर यौगिक जॉगिंग का अभ्यास कराया। मंजू दीदी ने बच्चों को आज कब्ज, एसीडिटी के लिए बाह्य प्राणायाम एवं अग्निसार क्रिया, गले के रोग व थॉयरॉइड के लिए उज्जायी प्राणायाम, मुंह सूखने, ज्यादा प्यास लगने पर शीतली प्राणायाम, मसूड़ों से खून आना व पायरिया रोग से बचने के लिए सीत्कारी प्राणायाम, कान के रोगों के लिए कर्णरोगान्तक प्राणायाम सिखाया। और कहा कि पानी कभी-भी खड़े होकर न पीयें, फ्रीज के बजाय मटके का पानी पीयें। इससे हमारे पैरों में दर्द नहीं होगा।

 

Continue Reading
Advertisement