मुश्किलों से कह दें, मेरा प्रभु बड़ा है – ब्र.कु. मंजू दीदी
महाराजा रणजीत सिंह सभागार में योग षिविर का पहला दिन
‘‘ मुस्कुराना हमारे जीवन का अंग बन जाए, सिर्फ अपने लिए हम जीवन जी रहे हैं तो क्या बड़ी बात है, कभी हम औरों के लिए भी जीयें और इससे प्राप्त आनंद का अनुभव करें। ‘‘संकल्प से कभी हारना नहीं ‘‘मन के हारे हार है, मन के जीते जीत‘‘- इस गीता श्लोक के माघ्यम से आपने ये समझाया कि जिसने अपने मन को अपने मन को जीत लिया वह अपने हर लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने पर हमारा एक और लक्ष्य होना चाहिए कि हमे जीवन मे कभी किसी की आलोचना नहीं करनी है, हममे जो योग्यता है उसके साथ हमें आगे बढ़ना है। हमसे हमारी योग्यता को कोई छीन नहीं सकता तो क्यों किसी की ग्लानि करें, हर इंसान को परमात्मा ने दिव्य गुणों की खुषबू देकर भेजा है। जैसेः चुम्बक की ओर लौह कण स्वतः आकर्षित होते हैं उसी तरह अपना भी व्यक्तित्व प्रभावषाली बनायें।’’
उक्त बातें महाराजा रणजीत सिंह सभागार में आयोजित निःषुल्क सात दिवसीय योग षिविर के पहले दिन आईएएस/पीएससी स्टूडेण्ट्स को लक्ष्य के प्रति प्रेरित करते हुए ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने कही। आपने कहा कि योगनिद्रा हमारे जीवन को स्वस्थ बनाती है और हम इन सात दिनों में अपने आत्म बल को इतना बढा लें कि जीवन मे कोई परिस्थिति आए भी तो उसका सामना हम कुषलता पूर्वक कर सकें। मुष्किले तो हमारे जीवन में आती ही हैं। हम रेज कुछ अलग-अलग प्रकार की परिस्थिति से गुजरते हैं वास्तव में ये परिस्थिति हमारे मनोबल की परीक्षा होती है। हम सभी के जीवन मे परिस्थिति आती हैं कभी ऑंखे नम भी होती है। तो कभी परिस्थिति को संभालने में मुष्किलात आयेंगी, परंतु इस समय उस अदृष्य शक्ति की आवाज आंयेगी कि बच्चे तुम चिंता मत करो, मैं तुम्हारे साथ हूं, जब भी तुम मुझे दिल से पुकारोगे मैं तुरंत हाजिर हो जाउंगा और किसी न किसी रूप में तुम्हें मदद करूंगा।
षिविर में सात प्राणायामों के अलावा पैरों के लिए सूक्ष्म आसन, नौका संचालन, चक्की चलाना एवं सम्पूर्ण आसन-सूर्य नमस्कार का अभ्यास कराया गया। दीदी ने योगनिद्रा के माध्यम से सभी के अवचेतन मन को सकारात्मक दिषा प्रदान करते हुए सभी को अपना लक्ष्य निर्धारित कराया एवं उसकी प्राप्ति के लिए सुझाव दिये कि मोबाईल का प्रयोग कम करें, रात सोते समय अपने से दूर रखें विषेषकर सिराहने के नजदीक तो बिलकुल भी न रखें, व्यर्थ की बातों से दूर रहें। साथ ही विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाने के लिए मोटिवेषनल सांग- ये मत कहो खुदा से, मेरी मुष्किलें बड़ी हैं, ये मुष्किलों से कह दो मेरा खुदा बड़ा है….गीत पर कु. गौरी बहन ने बहुत सुंदर नृत्य की प्रस्तुति दी एवं युवाषक्ति पर आधारित गीत- देखना जो चाहते हो इनकी उड़ान को करना पड़ेगा ऊंचा और आसमान को…..पर यौगिक जॉगिंग का अभ्यास कराया गया।
इस अवसर पर टूटेजा ट्यूटोरियल्स के डायरेक्टर एवं पूर्व डिप्टी कलेक्टर भ्राता सुनील टूटेजा जी ने कार्यक्रम के प्रति अपनी शुभकामना व्यक्त की एवं स्टूडेण्ट्स के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
टिकरापारा सेवाकेन्द्र में युवा षिविर का एडवांस कोर्स शुरूः
मंजू दीदी जी ने जानकारी दी कि ऊंची सोच, युवा की खोज षिविर की सम्पन्नता के बाद टिकरापारा में आज से प्रतिदिन शाम 7 से 8.30 बजे युवाओं का एडवांस कोर्स आरंभ हो चुका है जिसमें सभी शामिल हो सकते हैं।
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)