प्रेस-विज्ञप्ति
निःस्वार्थ सेवा से परिवर्तन निष्चित- किषोर राय
विष्व का सबसे बड़ा बहनों का संगठन है ब्रह्माकुमारीज़
टिकरापारा सेवाकेन्द्र में चैतन्य देवियों की झांकी के सेवाधारियों व देवियों का किया गया सम्मान
‘‘हमें ये अमूल्य मानव जीवन मिला है और हमें इस जीवन में क्या करना व क्या नहीं करना चाहिये, इसका मार्गदर्षन ब्रह्माकुमारी बहनों से मिलता रहता है। ब्रह्माकुमारीज़ विष्व का सबसे बड़ा बहनों का संगठन है। संस्था की बहनें व भाई निर्बाध निष्ठा व समर्पणता के साथ निःस्वार्थ भाव से देष व समाज के परिवर्तन हेतु निरंतर लगे हुए हैं और यही कारण है कि हमारे समाज में जो सामाजिक बुराईयां हैं उनमें कमी आई है। धीरे-धीरे करके लोगों के स्वभाव में परिवर्तन आया है।’’
उक्त बातें बिलासपुर के महापौर भ्राता किषोर राय जी ने ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में आयोजित चैतन्य झांकी की देवियों और सेवाधारियों के सम्मान समारोह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि मेयर बनने के पूर्व से अब तक मैं यहां की पत्रिकाएं पढ़ता रहता हूं और पत्रिकाएं पढ़ने मात्र से मन को असीम शांति मिलती है तो यहां नियमित जो आते हैं उनकी सुखद अनुभूति शब्दों में बयां नहीं की जा सकती।
परमात्मा की याद का भोजन तन व मन स्वस्थ बनाता है – ब्र.कु. राजू भाई
ब्रह्माकुमारीज़ के ग्राम विकास प्रभाग के मुख्यालय संयोजक आदरणीय राजू भाई जी ऑडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से कहा कि परमात्मा की याद में बना भोजन तन व मन को स्वस्थ बनाता है। सभी अपने आध्यात्मिक जीवन में सदा एकता के साथ रहने व एकांतवासी, आज्ञाकारी, वफादार और गुणग्राही बनने का पुरूषार्थ करने पर जोर दिया।
पावन, अमूल्य, सुखदायी व पूज्यनीय जीवन है कुमारी जीवन – ब्र.कु. मंजू दीदी
ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने झांकी में देवियों के रूप में सजी कुमारी बहनां को प्रेरित करते हुए कहा कि कुमारी जीवन जैसा पावन, अमूल्य व सुखदायी जीवन कहीं नहीं है और साथ ही परमात्मा जैसा सदा सुख देने वाला साजन भी कहीं नहीं मिलेगा। आज के समय में बॉयफ्रेण्ड-गर्लफ्रेण्ड बनाने जैसी बुरी संस्कृति ने हमारी संस्कृति में प्रवेष कर लिया है जिसमें ज्यादातर शारीरिक आकर्षण ही होता है, सच्चे प्यार का अभाव होता है और धोखा मिलने पर डिप्रेशन का रूप ले लेता है जो माता-पिता की चिंता का कारण भी बन जाता है, उन्हें तकलीफ मिलती है। इससे बचने के लिए दीदी ने सभी कुमारियों से रोज 15 मिनट मेडिटेषन करने और सकारात्मक चिंतन के लिए 15 मिनट सत्संग जरूर करने की प्रतिज्ञा कराई। कुमारी श्रद्धा व कुमारी प्रीति ने देवी बनने के दौरान का अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि उस समय का अनुभव बहुत ही शक्तिषाली था वो परमात्म शक्ति ही थी जिसके कारण हम इतनी देर तक एक आसन पर बैठ पाये, हमारी स्वयं की क्षमता इतनी नहीं थी।
सांस्कृतिक कार्यक्रम ने बढ़ाया ग्रामवासियों का उत्साह
इस अवसर पर अनेक गांव से पधारे भाई-बहनों के सम्मान व उत्साहवर्धन के लिए अनेक छत्तीसगढ़ी गीतों पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। जिसमें कुमारी गौरी, तनु व नमिता एवं होरीलाल भाई नेडारा लोर गे हे रे…., हमर पारा तुहर पारा…., आमापान के पतरी….., मोर छइहां-भुइयां जै होवै तोर….. जैसे छत्तीसगढ़ी गीतों पर नृत्य कर सभी के हृदय को आनंद से भर दिया।
कार्यक्रम के अंत में सभी चैतन्य देवियों की झांकी के सेवाधारियों व देवियों महापौर किषोर राय के द्वारा ईष्वरीय सौगात देकर सम्मानित किया गया तत्पष्चात् सभी को ब्रह्माभोजन स्वीकार कराया गया। कार्यक्रम में महापौर के अलावा रेलवे पुलिस फोर्स के वरिष्ठ सुरक्षा आयुक्त, पार्षद दिनेष देवांगन व उदय मजूमदार सहित बड़ी संख्या में नागरिक गण उपस्थित हुए।
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)