Rajrishi
आत्माओं की जागृति का यादगार है दीपावली का त्यौहार – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

बिलासपुर, टिकरापाराः- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के राज किशोर स्थित सेवाकेन्द्र के नवनिर्मित शिव-अनुराग भवन में आध्यात्मिक रहस्यों के साथ दीवाली मनाई गई। सभी को आत्म स्मृति का तिलक लगाया गया। महाज्योति परमात्मा शिवबाबा को भोग स्वीकार कराने के पश्चात् सत्संग का आयोजन हुआ, रंगोली सजाई गई व सभी को प्रसाद वितरित किया गया।
इस अवसर पर ज्ञानमुरली की क्लास में टिकरापारा सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने कहा कि दीपावली पर एक या दो दिया नहीं बल्कि माला के रूप में जगाते हैं और पूजा स्थल पर एक बड़ा दीपक जगाते हैं। बड़ा दीपक परमात्मा का और अनेक छोटे दीपक हम आत्माओं का प्रतीक हैं। पुरूषोत्तम संगमयुग पर स्वयं भगवान हम सभी आत्माओं को हमारे मूल गुणों को जागृत करने के लिए ज्ञान का प्रकाश देते हैं। हम नए वस्त्र पहनते हैं जो हमारे सतयुगी दुनिया का यादगार है। हम सभी आत्माओं की जागृति से ही भारत में सतयुगी स्वराज्य की पुनर्स्थापना होगी।
दीदी ने कहा कि दीवाली पर्व के एक माह पूर्व तैयारियां शुरू हो जाती हैं। घर के चारों कोनों की बारीकी से सफाई की जाती है। चारों कोनों की सफाई करने के साथ-साथ अपने तन, मन, धन व संबंधों की भी स्वच्छता हो। शरीर की स्वच्छता के साथ मन के कोने से ईर्ष्या, घृणा, द्वेष, वैर-विरोध की भावनाओं की सफाई करें। दूसरों के प्रति नकारात्मकता व व्यर्थ का भाव मन में हो तो उसे समाप्त करें क्योंकि अधिक पटाखे जलाने से वातावरण दूषित होता है तो मन की नकारात्मकता से मानसिक प्रदूषण बढ़ता है। धन भी पवित्र अर्थात् मेहनत से कमाया गया हो। संबंधों में मधुरता हो। व्यापारी भाई अपना पुराना खाता बंद कर नया खाता बनाते हैं। वर्तमान संगमयुग भी कलियुग अंत और सतयुग आदि का समय है। यह समय अपने बुरे कर्मों का खाता समाप्त कर श्रेष्ठ कर्मों का नया खाता तैयार करने का समय है जो 21 जन्मों की कमाई जमा कराता है।
कार्यक्रम में रेल्वे पुलिस उप-महानिरीक्षक भ्राता भ्रवानीशंकर नाथ जी, पूर्व सैनिक शरद बल्हाल जी, गुजराती समाज के सक्रिय सदस्य भ्राता नटवर सोनछात्रा जी एवं टिकरापारा, राज किशोर नगर, बलौदा, मस्तूरी, नरियरा, अकलतरी, पोंड़ी-दल्हा, मधुवा, सरसैनी आदि गांव से बड़ी संख्या में साधक उपस्थित हुए।
प्रति,
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)