Connect with us
 

Rajrishi

परमात्म संग के रंग में सदा रंगे रहे – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

प्रेस विज्ञप्ति

सादर प्रकाशनार्थ :

 

*परमात्म संग के रंग में सदा रंगे रहे – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी*

 

*बुरे संस्कारों रूपी होली जलाएं और सद्गुणों का रंग लगाएं, तभी मनेगी सच्ची होली*

 

*बीती बात को हो-ली कर दें*

बिलासपुर टिकरापाराl ब्रह्मा कुमारीज़, प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा में होली उत्सव के उपलक्ष्य में परमात्म सत्संग के रंग में रंगने व होली के आध्यात्मिक रहस्य को समझने हेतु प्रवचन व सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा गया।

 

सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्मा कुमारी मंजू दीदी ने बताया कि जो भगवान के साथ के रंग में सदा रंगे रहते हैं उन्हें माया का रंग कभी अपनी ओर आकर्षित नहीं करता अर्थात उनके ऊपर ज्ञान, कर्म, शक्तियों, गुणों का रूहानी रंग सदा ही चढ़ा रहता है।

दीदी ने होली का अर्थ समझाते हुए कहा कि *होली अर्थात हो ली जो बात हो गई बीत गई सो बीत गई* उसे बार-बार अपनी स्मृति में ना लाएं। बीती बातों का चिंतन करने और उसे अपने मन में बसा लेने से हमारे जीवन में कभी भी हम सुखी नहीं रह सकते हैं और हमारे संबंध भी मधुर नहीं बन पाते। *होली अर्थात् परमात्मा की होली* भगवान के हो गए तो भगवान अपनी अनंत शक्तियां हमें देते हैं और हमें अपने पुराने संस्कारों को जलाने की शक्ति देते हैं। पहले होली जलाया जाता है और फिर उसके बाद रंग खेला जाता है अर्थात् मनाया जाता है और मुख मीठा कराया जाता है। तो पहले अपने बुरे पुराने संस्कारों को नष्ट करना है जलाना है और फिर सुंदर मिलन परमात्मा के संग आत्माओं के संग मनाना है और यही आध्यात्मिक होली का रहस्य है।

*होली का तीसरा अर्थ है होली अर्थात पवित्र* l पवित्रता सुख शांति की जननी है जहां जीवन में पवित्रता होती है वहां निश्चित सुख, शांति और समृद्धि भी होती है। अभी पवित्रता अर्थात हर बात की सच्चाई सफाई चाहे संबंधों की हो चाहे बातों की हो चाहे स्थान की हो लिए। हर बात की शुद्धता, पवित्रता जो हमारे जीवन में सुख,आनंद का संचार करती है तो इस अवसर पर हम सभी होली के सच्चे अर्थों को जीवन में लाएं और जीवन को सुखमय बनाएंl

मंजू दीदी ने सभी को होली की शुभकामनाएं और बधाइयां दी और केसर रंग पिचकारी से सब के ऊपर गुलाबबाशी की, सभी को ईश्वरीय प्रसाद व आत्मिक स्मृति का तिलक दिया , सांस्कृतिक कार्यक्रम में सुश्री रानी दीपाली के द्वारा आनंद आनंद पर नृत्य प्रस्तुत किया गया, कुमारी अविका नें खेले बिरज में होरी नंदलाल पर नृत्य प्रस्तुत किया, बीके नीता, होरीलाल भाई, राकेश गुप्ता बंटी नागदोने के द्वारा फनी डायलॉग व कविता के द्वारा सुंदर प्रस्तुति दी गईl इस अवसर पर उपस्थित साधकों के बीच हर्षोल्लास का वातावरण थाl

Continue Reading
Advertisement