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Rajrishi

ब्रह्माकुमारी बहनों ने परमात्म स्मृति में स्थित होकर कराई योग अनुभूति

सादर प्रकाशनार्थ

प्रेस विज्ञप्ति

जीवन का वास्तविक मूल्य है चेतन्य सत्ता आत्मा से – मंजू दीदी जी

ब्रह्माकुमारीज़, शिव-अनुराग भवन, राज किशोर नगर में सामूहिक योग-साधना में एकत्र हुए साधक

ब्रह्माकुमारी बहनों ने परमात्म स्मृति में स्थित होकर कराई योग अनुभूति

चार घण्टे चली योग तपस्या

साकारी-आकारी-निराकारी अवस्था का कराया गया योग अभ्यास

बिलासपुर राजकिशोर नगर :- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के राज किशोर नगर स्थित शिव-अनुराग भवन सेवाकेन्द्र में योग-साधना का आयोजन किया गया परमात्म प्यार में लवलीन होने वाले गीतों के माध्यम से साकारी अवस्था में योग का अभ्यास कराया। तत्पश्चात् राजयोग मेडिटेशन कॉमेन्ट्री के माध्यम से सफेद प्रकाश की दुनिया – सूक्ष्मवतन में आकारी अर्थात् फरिश्ते पन का अभ्यास कराया। आकारी स्थिति के बाद सभी ने शान्तिधाम में गहरी शान्ति की अवस्था में निराकारी स्थिति का अभ्यास किया।योग अनुभूति के लिए सरोजनी बहन,प्रीती बहन,पूर्णिमा बहन,समीक्षा बहन,श्यामा बहन,शशि बहन,रूपा बहन, ईश्वरी बहन,गायत्री बहन स्टेज पर विराजित रहीं।

ज्ञान मंथन क्लास में मंजू दीदी जी ने बताया की मानव शरीर के अंग ऐसे है की ये बनाये नहीं जा सकते परन्तु यदि बनावटी अंगों के मूल्य को जोड़ा जाये तो वह भी एक बहुत भारी रकम हो जाती है | किन्तु सोचने की बात यह है की इनका मूल्य तभी तक है जब तक मनुष्य जीवित है,मर जाने पर वह तो एक ठूंठ सा ही है| यह ठीक है की आज मरे हुए मनुष्य की भी आंखे या उसका हृदय, दूसरे मनुष्य के शरीर में आरोपित करने के काम आते है| अतः गहराई से सोचा जाये तो वास्तविक मूल्य तो उस चेतन सत्ता का ही है जिसके कारण शरीर का या उसके विभिन्न अंगों का मूल्य है उसे ही आत्मा कहते है

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