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Rajrishi

बलौदा सेवा केंद्र में दादी जानकी जी की पुण्यतिथि मनाई गई

दादी जानकी जी के जीवन के मूल मंत्र – सच्चाई, सफाई और सादगी

 

दादी जी ने ज्ञान की बातों को मंत्र की तरह जीवन में आत्मसात किया।

 

बलौदा सेवा केंद्र में दादी जानकी जी की पुण्यतिथि मनाई गई।

 

बलौदा : 104 वर्ष की उम्र तक 140 देशों में यात्रा कर लाखों आत्माओं के जीवन में आध्यात्म का प्रकाश फैलाने वाली ब्रह्मा कुमारीज़ पूर्व मुख्य प्रशासक का दादी जानकी जी की द्वितीय पुण्यतिथि मनाई गई।यह दिन संस्था द्वारा वैश्विक आध्यात्मिक जागृति दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

 

इस अवसर पर सेवा केंद्र की प्रमुख ब्रह्मा कुमारी मंजू दीदी ने दादी जी के गुणों व विशेषताओं का वर्णन करते हुए कहा कि दादी जी को अनुशासन बहुत पसंद था, कोई भी कार्य दिल से समझकर करने से मार्क्स जमा होता है, बहुत बातों में आज्ञाकारी बनते हैं उन्हें मार्क्स ज्यादा मिलते हैं और प्यार भी मिलता है। वफादारी से सती व्रता – आज्ञाकारी है तो निश्चय में बल है, वफादार है तो निर्भय हैं, निरवैर हैं, जिम्मेवार भगवान है। किसी भी संस्थान, समाज या परिवार को चलाने के लिए दादी जी मुख्य रूप से कहते कि झुक- झुक, मर – मर,सीख- सीख अर्थात् झुक कर सहन कर चलने से हर कार्य सफल हो जाता है।

दीदी ने बतलाया कि दादीजी विस्तार में ज्ञान न सुनाकर मंत्रों के रूप में सीख दी। उनका जीवन त्याग युक्त जीवन के साथ सच्चाई, सफाई और सादगी से भरा था।

इस द्वितीय पुण्यतिथि पर उनके निमित्त भोग लगाया गया, सभी साधकों ने दादीजी से दृष्टि लेकर उनकी शिक्षाओं को जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लिया और प्रसाद ग्रहण किया।

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