Rajrishi
पूरे विश्व में आध्यात्म और भारतीय संस्कृति के प्रसार से पुनः भारत बनेगा जगतगुरु – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

बिलासपुर टिकरापारा :- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा बहुत खुशियों के साथ तीन दिनों तक मनाया जा रहा है नया वर्ष। नए संवत्सर दो हजार उन्यासी की शुरूआत के अवसर पर गुरूवार को टिकरापारा स्थित सेवाकेन्द्र में परमात्मा शिव को भोग स्वीकार कराया गया। गुड़ी पाड़वा के अवसर पर सेवाकेन्द्र में मां का ध्वज और गुड़ी सजाई गई और भोग के साथ आज के दिन महत्व रखने वाली छः स्वादों वाली चटनी बनाकर सबको खिलाई गई।
सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने आज के सतसंग में पर्व के आध्यात्मिक रहस्य पर प्रकाष डालते हुए कहा कि मीठा, नमकीन, कड़वा, तीखा, मसालेदार और खट्टे स्वाद से युक्त चटनी का रहस्य बताते हुए कहा कि हमारे जीवन में भी इन छः स्वादों की तरह बातें आती हैं लेकिन रोज के सतसंग से प्राप्त सकारात्मक विचारों से हमें जीवन समता लाने की प्रेरणा व ईष्वर की याद से सहनशक्ति मिलती है। इसलिए इस नए वर्ष में सभी को संकल्प लेना चाहिए कि हम तन को स्वस्थ बनाने के साथ-साथ सकारात्मक विचारों के लिए सतसंग को जीवन में जरूर स्थान देंगे।
दीदी ने बतलाया कि वर्तमान संगम का समय कलियुग के अंत और सतयुग के आदि का समय है इसलिए भारत में युगादि पर्व मनाया जाता है। जब स्वयं परमपिता परमात्मा आकर सत्यता के युग की स्थापना करते हैं। इसके लिए स्वयं भी आध्यात्म और भारतीय संस्कृतियों को अपनाकर समस्त विश्व में इसका प्रचार-प्रसार करना होगा। तब ही भारत पुनः जगतगुरु बनेगा और सत्यता का युग पुनर्स्थापित होगा।
इस अवसर पर सभी को तिलक लगाकर नए वर्ष की शुभकामना दी गई और भारत मां की आराधना की गई। दीदी ने सेवाकेन्द्र में उपस्थित सभी साधकों को दीपावली की तरह यह नया वर्ष मनाने की प्रेरणा देते हुए कहा कि जैसे दीपावली में सभी अपने घरों को दिए की रोशनी से जगमग करते हैं उसी उत्साह से यह नव संवत्सर मनाएं।