Rajrishi
माउण्ट आबू से आए ब्रह्माकुमार संतोष भाई ने कहा – समस्या से घबराएं नहीं, धैर्यता के गुण व भगवान के साथ से करें समाधान

बिलासपुर टिकरापारा :- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के टिकरापारा शाखा में माउण्ट आबू के ज्ञान सरोवर परिसर में पिछले 19 वर्षों से समर्पित ब्रह्माकुमार संतोष भाई जी ने उपस्थित साधकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज दुनिया भर में सभी लोग शान्ति चाहते हैं वे चाहे किसी भी क्षेत्र से हों- राजनैतिक, सामाजिक, प्रशासनिक, औद्योगिक किसी भी क्षेत्र से जुड़ा हो या जिस देश में युद्ध भी चल रहा हो, वे भी शान्ति ही चाहते हैं और शान्ति के लिए सबकी नजर आध्यात्म पर ही टिकी है। जीवन में कोई भी समस्या, रूकावट या परिस्थिति आए तो घबराएं नहीं। भगवान ने हमें गुणों में शांति, प्रेम और धैर्यता का गुण भी दिया है। भगवान के साथ से और शान्ति, प्रेम व धैर्यता के गुण से हर समस्या का समाधान सम्भव है।
हिम्मत का एक कदम जरूरीः-
अच्छे कार्य की शुरूआत के लिए हमें आलस्य, अलबेलेपन को त्याग कर अपनी हिम्मत का केवल एक कदम बढ़ाना जरूरी है तब अनुभव होगा कि भगवान हमारे लिए हजार कदम मदद की भेजते हैं और कोई भी कठिन से कठिन कार्य में हमें सफलता प्राप्त हो जायेगी। आपने द्रौपदी का उदाहरण देते हुए बतलाया कि चीरहरण के समय उन्होंने पहले दैहिक संबंधियों को पुकारा लेकिन कोई मदद नहीं मिली और सबसे अंत में भगवान को पुकारा तो उन्होंने तुरंत हाजिर होकर लाज बचाई। उसी प्रकार भगवान हमेंशा हमें मदद करने के लिए तैयार हैं बस हमें दिल की सच्चाई व सफाई से उन्हें याद करते हुए कोई भी कार्य करना है।
अपने मन-बुद्धि को डस्टबिन न बनाएं…
जिस प्रकार कोई भी गंदगी को हम घर पर नहीं रखते, बाजार से कोई गंदा सामान नहीं खरीदते उसी प्रकार हमारा मन व हमारी बुद्धि मंदिर के समान है इसमें परचिंतन की बातें, नकारात्मक, व्यर्थ, दूसरों की बुराई आदि की बातें डालकर डस्टबिन न बनाएं। अपने मुख से सदैव ज्ञानरत्न, मधुर व दूसरों की उन्नति करने वाले बोल निकालें।
जिस चीज की वृद्धि करनी है उसे ईश्वरीय कार्य में लगाएं….
यह एक शाश्वत सिद्धांत हैं कि जो हम देंगे वही मिलेगा। इसलिए यदि तन को स्वस्थ बनाना है तो तन को मानव कल्याण में, ईश्वरीय कार्य में लगाएं, मन को शांत व सशक्त बनाना है तो मन में दूसरों के प्रति शुभभावना व शुभकामना रखें, धन की वृद्धि करनी है तो मनुष्य में दिव्यता लाने के ईश्वरीय कार्य में अपना धन सफल करें। भगवानुवाच है कि विशेष आत्मा बनना है तो हर एक की विशेषता देखो क्योंकि भगवान भी उन्हें प्यार करता है जिनमें भगवान को पहचानने की एक विशेषता हो।
भगवान का शुक्र करें और अपना दिनभर का समाचार दें….
भगवान को सरलता प्रिय है। रोज सुबह उठते ही प्रभुपिता को गुडमॉर्निंग करते हुए उन्हें धन्यवाद भी करें और रात्रि को सोने से पूर्व अपने दिनभर का समाचार सुनाकर हल्के होकर सोएं तो नींद भी अच्छी आएगी और ब्रह्ममुहूर्त में आपकी नींद भी खुल जाएगी। इससे स्वतः ही स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। आपने अपने जीवन को ईश्वरीय कार्य में समर्पित करने के भावुक पलों को भी साधकों के सम्मुख साझा भी किया।