Rajrishi
विभिन्न तरीकों से कराया गया ध्यान का अभ्यास माह का तीसरा रविवार अंतर्राष्ट्रीय योग साधना दिवस के रूप में मनाया l

विभिन्न तरीकों से कराया गया ध्यान का अभ्यास
माह का तीसरा रविवार अंतर्राष्ट्रीय योग साधना दिवस के रूप में मनाया l
परमात्म महावाक्य से मिली साधकों को संतुष्टि l
यज्ञ का एक कणा मुहर के समान हैं
बिलासपुर lटिकरापाराl ब्रह्मा कुमारीज प्रभु दर्शन भवन के तत्वाधान में मांस के तीसरे रविवार को अंतरराष्ट्रीय योग साधना भट्टी के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर ब्रम्हाकुमारीज़ टिकरापारा सेवा केंद्र में आयोजित योग तपस्या में भिन्न-भिन्न कमेंट्रीज के द्वारा ध्यान का अभ्यास कराया गया ब्रह्माकुमारी हेमवती बहन, श्यामा बहन,पूर्णिमा बहन, रूपा बहन तथा शशिप्रभा बहन, समीक्षा बहन, गायत्रीबहन, रजनी बहन ने साधकों को योगाभ्यास कराया व परमात्म महावाक्य सुनाए। जिसका सार था सर्व अनुभूतियों की प्राप्ति का आधार पवित्रताl हमारे संकल्प बोल और कर्म में पवित्रता की जितनी जितनी धारणा होगी रूहानियत की झलक सूरत में उतनी दिखाई देगी, निरंतर अतिंद्रीय सुख और मीठी शांति का विशेष आधार है पवित्रता l परमात्म महावाक्यों में आगे बताया गया कि विशेष इस वर्ष चार प्रकार की सेवा पर अटेंशन, अंडरलाइन करना है पहला नंबर स्व की सेवा दूसरा विश्व की सेवा तीसरा मंसा सेवा चौथा यज्ञ सेवा l यज्ञ सेवा जहां भी हो जिस भी सेवा स्थान पर हो वह सब सेवा स्थान यज्ञ कुंड है, और यज्ञ का एक कणा मुहर के समान है l अगर यज्ञ की दिल से बचत करते हैं तो उसकी मोहरे इकट्ठी होती रहती है और जीवन सुखमय बनता जाता हैंl तपस्या भट्टी में उपस्थित समस्त साधकों को गहन शांति व सुख का अनुभव हुआ और सभी ने इस आध्यात्मिक कार्यक्रम की भूरी भूरी प्रशंसा की l
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विद्युत उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष भूषण वर्मा जी, अरुण जोशी जी, बरेट जी भगत भाई, विक्रम गुप्ता, राकेश गुप्ता, अमर कुंभकार आदि अनेक साधक उपस्थित रहेl