Rajrishi
बाह्य स्वच्छता के साथ आंतरिक स्वच्छता पर ध्यान – ब्रम्हाकुमारी श्यामा

*सादर प्रकाशर्थ
प्रेस विज्ञप्ति*
उड़ान बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का प्रथम दिन*
बाह्य स्वच्छता के साथ आंतरिक स्वच्छता पर ध्यान – ब्रम्हाकुमारी श्यामा
आसन प्रणामयाम, म्यूजिकल एक्सरसाइज वह मेडिटेशन का महत्व – ब्रह्मा कुमारी प्रीति
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी *ईश्वरीय विश्वविद्यालय नरियारा सेवा केंद्र मे
उड़ान बाल व्यक्तित्व* विकास शिविर में कक्षा छठवीं से दसवीं तक के बच्चों ने भाग लिया इस शिविर का शुभारंभ परमात्म स्मृति ओम ध्वनि शांति पाठ से किया गया l
ब्रह्माकुमारी प्रीति बहन ने आसन प्राणायाम, म्यूजिकल एक्सरसाइज एवं इसके फायदे बताएं साथ ही, कबीर के दोहे, वआशा के ऊपर बच्चों को कविता सिखाई l
ब्रम्हाकुमारी गायत्री ने भूख, प्यास, नींद व आशा इसमें सबसे बड़ा कौन? इसे कहानी के माध्यम से बताया कि मनुष्य भोजन, पानी, और नींद के बिना रह सकता है, लेकिन हमें अपने जीवन में आशा कभी नहीं छोड़नी चाहिए आशा एक विश्वास है,
ब्रम्हाकुमारी श्यामा ने स्वच्छता का महत्व बताया कि हमारे जीवन में स्वच्छता के मुख्य पहलू की ओर ध्यान खिंचवाया पहला बाह्य स्वच्छता जिसमें तन, धन, घर, विद्यालय व सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता दूसरा आंतरिक स्वच्छता अर्थात किसी के प्रति ईर्ष्या, द्वेष,घृणा वैर भाव ना हो l
फिर अंत में सभी बच्चों को आत्मा का ज्ञान दिया गया हर मनुष्य में आत्मा विराजमान है आत्मा ही इस शरीर को चलाने वाली चेतन शक्ति है, आत्मा का मूल गुण और उसका निवास स्थान शांति धाम है,और वह शांति के सागर परमात्मा की संतान है l