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Rajrishi

स्वयं की रक्षा के लिए आत्मनिर्भरता जरूरी – ब्रह्माकुमारी प्रीति बहन

*सादर प्रकाशार्थ

प्रेस विज्ञप्ति*

 

*स्वयं की रक्षा के लिए आत्मनिर्भरता जरूरी – ब्रह्माकुमारी प्रीति बहन*

व्यक्तित्व विकास शिविर में बच्चों को आत्म रक्षा के गुर सिखाए गए…

 

*भारत देवी देवताओं की पावन भूमि – ब्रह्माकुमारी गायत्री दीदी*

 

*मात-पिता, शिक्षकों की दी हुई शिक्षाओं को कभी न भूलें – ब्रह्माकुमारी ज्ञाना दीदी*

नरियरा : ब्रह्माकुमारी नरियरा सेवा केंद्र में उड़ान बाल व्यक्तित्व विकास शिविर के पांचवे दिन ब्रह्माकुमारी प्रीति बहन के द्वारा बच्चों को आसन, प्राणायाम के साथ आत्मरक्षा की भी ट्रेनिंग दी गई, ताकि बच्चे विपरीत समय में स्वयं की रक्षा कर सकें l विभिन्न प्रकार के फिजिकल एक्सरसाइज व साथ ही ध्यान के माध्यम से योग निद्रा का अभ्यास भी कराया गया लिए। योगनिद्रा एक ऐसा मेडिटेशन है तो तनाव मुक्ति व शांति अनुभूति कराता है व हमारी एकाग्रता का विकास करता है

 

जहां डाल -डाल पर सोने की चिड़िया करती थी बसेरा, वह भारत देश है मेरा… इस गीत के माध्यम से ब्रह्माकुमारी गायत्री दीदी ने बताया कि यह भारत भूमि देवों की भूमि है जहां सर्व गुण संपन्न, 16 कला संपूर्ण देवी देवताए वास करते थे। जहां चारों तरफ सतोप्रधान प्रकृति थी,अखुट धन संपदा थी। फिर सतयुग, त्रेता, द्वापर, कलयुग बीत गया। अभी हम सब कलयुग और सतयुग के मध्य संगम युग में पहुंच गए हैं। अभी सृष्टि के परिवर्तन का समय वर्तमान संगम युग चल रहा है। यही वह पुरुषोत्तम कल्याणकारी युग है, जिसमें

सतयुग की स्थापना का कार्य स्वयं परमात्मा द्वारा चल रहा है, फिर अंत में उन्होंने ध्यान के माध्यम से परमात्म अनुभूति कराई l

 

नरियरा सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी ज्ञाना दीदी ने कहा कि आज पढ़-लिख कर चाहे हम कितने भी बड़े पद- पोजीशन में पहुंच जाएं, लेकिन बचपन में मिली मात-पिता व शिक्षकों की दी हुई शिक्षाओ व एहसानों को कभी नहीं भूलना चाहिए क्योंकि उनकी दुआओं से ही सफलता को हम प्राप्त करते हैं।

 

फिर अंत में शिविर में उपस्थित सभी बच्चों को ब्रह्माकुमारी रजनी बहन के द्वारा प्रसाद वितरण किया गयाl

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