Rajrishi
मंत्रोच्चारण का आध्यात्मिक अर्थ अपना आचरण श्रेष्ठ बनाना -: ब्रह्मा कुमारी मंजू दीदी जी

*सादर प्रकाश नार्थ
प्रेस विज्ञप्ति*
*मंत्रोच्चारण का आध्यात्मिक अर्थ अपना आचरण श्रेष्ठ बनाना -: ब्रह्मा कुमारी मंजू दीदी जी*
*शिव अनुराग भवन प्रांगण में द्वादश ज्योतिर्लिंग दर्शन एवं शिव आराधना*
बिलासपुर राजकिशोर नगर:- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्मृति वन, राजकिशोर नगर के निकट स्थित शिव अनुराग भवन सेवाकेन्द्र प्रांगण में श्रावण
मास के प्रथम सोमवार को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ ही द्वादश ज्योतिर्लिंग की पूजा की गई। द्वादश ज्योतिर्लिंग की झांकी को जनदर्शन व पूजा – आराधना के लिए सजाई गई है।
मंजू दीदीजी ने शिव महिमा करते हुए कहा कि परमात्मा का नाम शिव है क्योंकि दुनिया में अनेक धर्म है तो हर एक धर्म वाले परमात्मा को अपना अपना नाम देकर बुलाते हैं। कोई गॉड, कोई खुदा, कोई अल्लाह, कोई शिव, कोई एक ओमकार कह कर बुलाते हैं वास्तव में परमात्मा का नाम शिव है जो देवों के देव महादेव, विश्व के नियंता जगतपिता हैं, वो ज्योति स्वरूप हैं। उनकी यादगार प्रतिमा शिवलिंग के रूप में पूजी जाती है वो भी खास भारत में।
श्रावण मास आते ही सभी शिव की उपासना करने वाले उनकी पूजा करते हैं, व्रत रखते हैं। लोग विशेष पूजा के दौरान ओम नमः शिवाय मंत्र का मन ही मन उच्चारण करते है। मंत्र का आध्यात्मिक अर्थ बताते हुए उन्होंने कहा कि ओम अर्थात मै आत्मा उस परमपिता परमात्मा की संतान हूँ। उच्चारण अर्थात अपने जीवन में उनके बताए गए मंत्रों को सत्यता पूर्वक जीवन में आचरण में ला सकूं।
तब ही हमारा यह मंत्र का उच्चारण करना जीवन में सार्थक होगा। भारत एक अविनाशी खंड है, भगवान की जन्मभूमि-देवभूमि है। भारत का ऐसा कोई गांव, शहर या कस्बा नहीं है। जहां पर परमपिता परमात्मा शिव की उपासना ना करते हों। पूरे श्रावण मास में विशेष पूजा की जाती है।
राजकिशोर नगर स्थित शिव अनुराग भवन सेवाकेन्द्र में इस श्रावण मास में द्वादश ज्योतिर्लिंग सजाई गई है।
दीदी जी ने कहा कि श्रावण मास में *द्वादश ज्योतिर्लिंग का दर्शन व पूजा* करने के लिए श्रद्धालु गण प्रातः 7:30 बजे सामूहिक पूजा में शामिल हो सकते हैं श्रावण मास में प्रत्येक सोमवार पूजा की जाएगी।
सेवा केंद्र पर आने वाले सभी भाई बहनों ने द्वादश ज्योतिर्लिंग की पूजा की तत्पश्चात सभी को तिलक लगाकर प्रसाद वितरण किया गया।