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Rajrishi

निकट भविष्य में होगी श्रीकृष्ण की दुनिया – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

सादर प्रकाशनार्थ
प्रेस विज्ञप्ति
निकट भविष्य में होगी श्रीकृष्ण की दुनिया – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी
श्रीकृष्ण से लें महान कर्म की प्रेरणा…
ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में सजाई गई श्रीकृष्ण की सुंदर झांकी, जन्माष्टमी उत्सव मनाया गया
बच्चों ने भी राधे कृष्ण के रूप में सजकर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी…

बिलासपुर टिकरापारा :- आज के युग में श्रीकृष्ण की जयन्ति मना लेना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उनके द्वारा किये गए महान कर्मां के बारे में गहराई से चिन्तन कर आत्मसात् करने की आवश्यकता है। उनके आह्वान के लिए आहार-विहार-विचार की शुद्धि आवश्यक है। आजादी के अमृत महोत्सव और नित नए भारतीय संस्कार व संस्कृति से संबंधित योजनाओं में सभी नागरिकों का उमंग-उत्साह से शामिल होना, श्रेष्ठाचार का कार्य करना – यह आने वाली श्रीकृष्ण की दुनिया के लिए शुभ संकेत हैं क्योंकि श्रीकृष्ण सर्वांग सुंदर थे, सर्व गुणों में सम्पन्न, सोलह कलाओं से पूर्ण और संपूर्ण निर्विकारी थे।

उक्त बातें ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में गुरूवार को आयोजित जन्माष्टमी उत्सव में सभी को प्रेरित करते हुए ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने कही। आपने बतलाया कि धर्मग्लानि के समय में श्रीकृष्ण का जन्म दिखाते हैं। यही वह समय है जब स्वयं परमपिता परमात्मा शिव, पिताश्री ब्रह्मा के तन में अवतरित होकर श्रेष्ठाचारी युग अर्थात् आदि सनातन देवी-देवता धर्म की स्थापना कर रहे हैं जहां हर बालक श्रीकृष्ण के समान व हर बालिका श्रीराधे के समान होंगे।
इस अवसर पर सेवाकेन्द्र में बहुत ही मनोरम झांकी सजाई गई। श्रीकृष्ण के रूप में सिद्धार्थ, तृषा, भीवा, कु. ममता सजे हुए थे जबकि राधे के रूप में कु. अविका, कु. पीहू व गौरी बहन सजे हुए थे। इन सभी ने कान्हा सो जा जरा, श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, रात सुहानी मस्त चांदनी जैसे श्रीकृष्ण राधे के गीतों पर अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। ब्र.कु. रूपा बहन, ज्ञाना बहन, शशी बहन, पूर्णिमा बहन, श्यामा बहन, रजनी बहन व प्रीति बहन ने सभी कृष्ण राधे को मक्खन लगे सेब खिलाकर भोग लगाया। अंत में मंजू दीदी जी ने सभी बच्चों को ईश्वरीय सौगात दी। सभी साधकों को भी भोग वितरित किया गया।

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