Rajrishi
मोदक -:परिश्रम का फल व खुशी का प्रतीक

*सादर प्रकाश नार्थ
प्रेस विज्ञप्ति*
*मोदक -:परिश्रम का फल व खुशी का प्रतीक*
*बुराइयों को मिटाना अच्छाईयों को धारण करना*
राजकिशोर नगर स्थित-: *ब्रह्माकुमारीज के शिव अनुराग भवन* में गणेश जी की मूर्ति रखी गई है हम सभी गणेश जी की पूजा तो करते हैं लेकिन उनके एक-एक अंग का महत्व आध्यात्मिक रूप से यहां पर बताया गया, छोटा मुख- अधिक सुनना, कम बोलना,
छोटी आंखें – एकाग्रता का सूचक, एकदन्त – बुराइयों को मिटाना अच्छाईयों को धारण करना, रस्सी – उच्च व श्रेष्ठ ध्येय के समीप पहुंचाने वाली, कुल्हाड़ी – मोह ममता के बंधन को काटना, लंबोदर – समाने की क्षमता, वरदहस्त – सहदेव शुभ -भावना देते रहना, वक्रतुंड -शक्तिशाली विनम्रता , हल्दी -कुमकुम रिद्धि -सिद्धि का प्रतीक है।
हम उनको विघ्न – विनाशक, लंबोदर,गजानंद,गणपति, रिद्धि-सिद्धि के दाता ऐसे अनेक नामों से पुकारते हैं,
भक्तों की जैसी भावना होती वह जरूर पूर्ण करते हैं
कहा जाता है गणेश जी को
मोदक अति प्रिय होता है, मोदक अर्थात परिश्रम का फल, जो संगठन की शक्ति का सूचक है।
ब्रह्माकुमारीज राजकिशोर नगर शिव अनुराग भवन में भी गणेश जी की प्रतिमा की सुबह और शाम दोनों समय आरती की जाती है,यहां पर आने वाले भाई-बहनों के द्वारा व आसपास के नागरिकगण मुख्य रूप से सम्मिलित होते हैं, व आरती के पश्चात सभी को प्रसाद वितरण किया जाता है।