Connect with us
 

Rajrishi

अवचेतन मन में छिपी है लक्ष्य प्राप्ति की शक्ति – ब्र.कु. मंजू दीदी

ल-प्रेस-विज्ञप्ति

अवचेतन मन में छिपी है लक्ष्य प्राप्ति की शक्ति – ब्र.कु. मंजू दीदी
आत्मा है शरीर का कन्ट्रोलर और मस्तिष्क है कन्ट्रोल रूम
               ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में 12 दिवसीय बाल संस्कार षिविर का तीसरा दिन
‘‘हमारे अवचेतन मन में अपार शक्तियां समायी हुई है। जो हर संकल्प को साकार कर सकता है आवष्यकता है संकल्पों में दृढ़ता की। रात की नींद की शुरूआत के दस मिनट और सुबह उठते ही शुरू के दस मिनट हमारा अवचेतन मन जागृत रहता है इसी कारण रात सोने से पूर्व व प्रातः उठते ही दस मिनट मेडिटेषन के माध्यम से अपने मन-बुद्धि को लक्ष्य प्राप्ति के लिए संकल्प दे दें। इससे निष्चित ही आपको सफलता मिलेगी।’’
उक्त बातें प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईष्वरीय विष्व विद्यालय के टिकरापारा सेवाकेन्द्र के हार्मनी हाल में आयोजित 12 दिवसीय बाल संस्कार षिविर के तीसरे दिन डायमण्ड ग्रुप के बच्चों को संबोधित करते हुए सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्र.कु. मंजू दीदी जी ने कही।
फूल बनकर मुस्कुराना जिन्दगी है…
मंजू दीदी ने बच्चों को बताया कि खुषी व मुस्कुराहट के साथ गम को भूलाकर जीना ही जिन्दगी है। जीतकर मुस्कुराना कोई महानता नहीं है बल्कि यदि जिन्दगी में किसी भी प्रकार की हार में भी मुस्कुराते रहना ही जिन्दगी है। असफलता एक चुनौती है यदि हम हताष होकर यदि जीवन का अंत कर लेते हैं तो इससे बड़ी कायरता कुछ हो नहीं सकता। अवचेतन मन की शक्तियों को समझने के लिए आत्मा का ज्ञान जरूरी है। आत्मा का निवास स्थान मस्तिष्क में पीट्यूटरी ग्लैण्ड व हाइपोथैलेमस ग्लैण्ड के मध्य है। आत्मा का कोई धर्म नहीं होता, वह तो जब शरीर धारण करती है तब शरीर के धर्म में आ जाती है।
कराया गया प्रेक्टिकल मेडिटेषन…
लक्ष्य प्राप्ति में आसानी के लिए प्रेक्टिकल मेडिटेषन कराया गया। कुछ बच्चों को स्टेज पर बुलाकर कॉमेन्ट्री के माध्यम से लक्ष्य का विज़न दिया गया। अच्छा इंसान तो बनना ही है लेकिन एक लक्ष्य को लेकर जीना ही जिन्दगी को समर्थ बनाती है।
प्रोजेक्टर शो के माध्यम से सिखाया गया ट्रैफिक नियमः-
ब्रह्माकुमारीज़ के यातायात एवं परिवहन प्रभाग द्वारा निर्मित एनिमेटेड विडीयो के माध्यम से हवलदार खड़कसिंग के द्वारा सिग्नल न तोड़ने, दुपहिया पर दो से अधिक सवारी न बैठने, चार पहिया चलाते समय सीट बेल्ट बांधने जैसे नियमों का वर्णन किया गया।
माता-पिता के प्रष्नों का उत्तर बहुत नम्रता से दें…
जब हम छोटे थे तब हमारे अनेक प्रष्नों के उत्तर हमारे माता-पिता बहुत ही सौम्यता से देते थे और आज जब हम बड़े हो जाते हैं तब जब हमारे माता-पिता हमसे कुछ पूछते हैं तो हमें अपनी व्यस्तता नहीं दिखानी चाहिये, बहुत ही आदर के साथ उनका उत्तर देना चाहिये।
एन्जिल गु्रप के बच्चों ने सीखा खेल-खेल में योग…
ब्र.कु. पूर्णिमा बहन एवं गौरी बहन ने बच्चों को प्रातः स्मरण, गायत्री मंत्र, षिक्षाप्रद कहानी, एरोबिक्स एवं एक्षन सॉंग सिखाया।
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)
Continue Reading
Advertisement