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Rajrishi

चरित्र गया तो सब कुछ गया – ब्र.कु. मंजू दीदी_बाल संस्कार शिविर चौथा दिन

चरित्र गया तो सब कुछ गया – ब्र.कु. मंजू दीदी
ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में 12 दिवसीय बाल संस्कार षिविर का चौथा दिन
‘‘हमें हर कार्य की वैल्यू पता होनी चाहिये इसी लक्ष्य को लेकर प्राचीन समय में गुरूकुल में पढ़ाने की प्रथा थी जहां साधारण विद्यार्थी हो या कोई राजकुमार भी क्यों न हो, उनसे हर प्रकार कार्य कराया जाता था। ताकि हर व्यक्ति के कार्य का महत्व व उसकी परिस्थिति हम समझ सकें। पहले के समय में माना जाता था कि धन गया तो कुछ नहीं गया, स्वास्थ्य गया तो कुछ गया लेकिन चरित्र गया तो सब कुछ गया। चरित्र ही विद्यार्थी जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति है। चारित्रिक बल ही एकाग्रता का आधार है।’
उक्त बातें प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईष्वरीय विष्व विद्यालय के टिकरापारा सेवाकेन्द्र के हार्मनी हाल में आयोजित 12 दिवसीय बाल संस्कार षिविर के चौथे दिन डायमण्ड ग्रुप के बच्चों को संबोधित करते हुए सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्र.कु. मंजू दीदी जी ने कही। साथ ही दीदी जी ने बच्चों को रात दस बजे तक सो जाने की सलाह दी और कहा कि यदि इस दौरान आपके पैरेन्ट्स भी यदि टीवी देखते हों तो उनसे भी टीवी बन्द कर सो जाने का आग्रह करें। और समय पर नींद का महत्व समझायें कि रात दस से बारह बजे के बीच नींद का एक चक्र हो जाना चाहिये। साथ ही गुस्से से स्वयं को दूर रखना चाहिये क्योंकि गुस्सा करने से हमारे मस्तिष्क में बीटा प्लस जैसी घातक तरंगें निकलने लगती हैं जो हमारी शक्तियों को नष्ट कर देती हैं।
सफलता के तीन सूत्र-कैरेक्टर, कॉन्सन्ट्रेषन और कॉन्फिडेन्स
डॉ. संगीता बहन ने बताया कि चरित्र, एकग्रता व आत्मविष्वास सफलता के तीन सूत्र हैं। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण चरित्र को श्रेष्ठ बनाने के लिए रोज ;त्व्ैम्द्ध याद रखें अर्थात् रिस्पेक्ट, स्वीटनेस एवं इन्थूसियाज़्म। जब ये चार गुण धारण करेंगे तब आप गुणों के राजा बन जायेंगे। साथ ही यह स्लोगन भी ध्यान रखें कि कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो और सोंच-समझकर बोलो क्योंकि जबान में कोई हड्डी नहीं होती लेकिन उसके गलत उपयोग से हड्डी टूट सकती है। पर्सनल मोबाइल न रखें, केवल घर से बाहर निकलने समय ही मोबाइल साथ रखें। मोबाइल यदि छिपाकर रखते हैं या लॉक करके रखते हैं इसका मतलब कुछ न कुछ गलत है। पढ़ाई कर रहे हैं और किसी का व्हाट्सअप आया तो हम उसका रिप्लाई देने में लग जाते हैं तो एकाग्रता कहां से आयेगी? और याद कहां से होगा इसलिए कम से कम पढ़ाई के वक्त तो मोबाइल से दूर रहें।
नन्हें बच्चों ने जाना आत्मा और परमात्मा का परिचय
मंजू दीदी ने एन्जिल गु्रप के नन्हें बच्चों को कार और ड्राइवर के उदाहरण से शरीर और आत्मा का संबंध बताया इसी प्रकार परमात्मा का सत्य परिचय उसमें समाहित शक्तियों के साथ दिया। अमर भाई ने सभी को यौगिक जॉगिंग का अभ्यास कराया। नागपुर से पधारीं स्नेहल सगदेव ने बच्चों को भक्ति गीतों का अभ्यास कराया।
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)

 

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