Rajrishi
आपसी सहयोग से होगी मूल्यों की धारणा- ब्रह्माकुमारी पारूल/अच्छे विचारों को सभी तक पहुंचाने का श्रेष्ठ माध्यम है मीडिया – ब्रह्माकुमारी कुंती दीदी
ऊंची सोच, युवा की खोज षिविर के तीसरे दिन ‘‘मूल्यों के मूल्य’’ विषय पर दिया गया व्याख्यान
मूल्यों में स्थिर रहने के लिए प्रयास व आपसी सहयोग की आवष्यकता है
ब्रह्माकुमारियों द्वारा महिलाओं को आगे लाने का कार्य कल्पना से ऊपर – वाणी राव
विचारों के आदान-प्रदान से सभी को लाभ होता है – ब्र.कु. कुंती दीदी
प्रेस-विज्ञप्ति- 2
अच्छे विचारों को सभी तक पहुंचाने का श्रेष्ठ माध्यम है मीडिया – ब्रह्माकुमारी कुंती दीदी
मीडिया को मूल्यनिष्ठ बनाने के लिए प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारों को दिए गए आध्यात्मिक विचार
‘‘मीडिया के हाथ में कलम है जिससे वे जो भी संदेष लोगों तक पहुंचाना चाहें पहुंचा सकते हैं लेकिन वास्तव में भगवान ने मीडिया के हाथ में कलम किसी श्रेष्ठ कला के कारण दिया है वह कला है अच्छी बातें, अच्छी संदेष, जीवन को परिवर्तन लाने वाली बातें, परमात्मा का दिव्य संदेष लोगों तक पहुंचाना। मीडिया का अर्थ है माध्यम। वह कुछ बातों को समाज तक पहुंचाता है और समाज की बातों को लोगों तक पहुंचाता है उसी प्रकार हम परमात्मा के मीडिया हैं। हम परमात्मा की बातों को आप तक पहुंचाते हैं। यदि हम दोनों मीडिया एक साथ होकर ये संकल्प लेंगे तो निष्चित ही दुनिया से बुराई का अंत हो जायेगा। आपसी सहयोग से ही सुखमय संसार बन जायेगा। ये कार्य मीडिया के अलावा कोई नहीं कर सकता है।’’
उक्त बातें बिलासपुर प्रेस क्लब एसोसिएषन में मीडियाकर्मियां को सार्वभौमिक भलाई को बढ़ावा देने के लिए मीडिया में मूल्यों की भूमिका विषय पर संबोधित करते हुए मुम्बई से पधारीं ब्रह्माकुमारी कुंती दीदी जी ने कही। उन्होंने कहा कि यदि भौतिकता के साथ-साथ आध्यात्मिकता को नहीं अपनाया तो जीवन का विकास रूक जायेगा। भौतिकता के साथ कुछ ऐसा करने का लक्ष्य रखें कि हमारे चरित्र की पूजा होने लगे इसके लिए अपने एक श्रेष्ठ चित्र का विज़न बनाना होगा। जैसा चित्र वैसा चरित्र। हमारे घर में यदि देवी-देवताओं का, कृष्ण-राम का चित्र होता है तो उनके गुणों को याद करके मन झुक जाता है और उसी के स्थान पर यदि किसी हीरों-हीरोइन का चित्र हो तो हमारी वृत्ति बदल जाती है, खराब हो जाती है।
माउण्ट आबू में आयोजित नेषनल मीडिया कांॅन्फ्रेन्स में सफलतापूर्वक हिस्सा लेकर बिलासपुर लौटीं टिकरापारा सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्र.कु. मंजू दीदी जी ने कहा कि धरा और गगन को भी बेच देने वाले दुनिया में ऐसे सौदागर बैठे हैं कि यदि कलम के सिपाही अर्थात् मीडिया यदि सो गई अर्थात् अपने मूल्यों को भूल गए तो वतन के सौदागर वतन को ही बेच देंगे। इसलिए मीडियाकर्मियों के जीवन में आध्यात्मिक जागृति का होना अति आवष्यक है। उन्होंने कहा कि किसी से बात करने के लिए फोन की जरूरत होती है, लेकिन परमात्मा से बात करने के लिए मौन की जरूरत होती है, फोन से बात करने पर बिल देना पड़ता है, परमात्मा से बात करने के लिए दिल देना पड़ता है। इसी के साथ दीदी ने सभी पत्रकारों को 15 से 19 सितम्बर तक माउण्ट आबू में होने वाले मीडिया सम्मेलन के लिए ईष्वरीय निमंत्रण दिया।
मन को संवारने, सुधारने की कला है मेडिटेषन – ब्रह्माकुमारी कविता बहन
इस अवसर पर ब्र.कु. कविता बहन ने कहा कि लेखक अपने कलम की संभाल रखते हैं उसी प्रकार मेडिटेटर अपने मन की बड़ी संभाल रखते हैं। मेडिटेषन वो कला है जिससे हम मन को संभालना सीखते हैं। जैसे शब्द अगर आगे-पीछे हों तो अर्थ का अनर्थ हो जाता हैं उसी प्रकार मन का एक भी संकल्प अगर इधर-उधर हो जाये तो व्यक्ति के व्यवहार में बहुत फर्क पड़ जाता है और उसकी प्रतिक्रिया जो सामने से मिलती उसमें भी अंतर आ सकता है। इसी लिए मेडिटेषन वो कला है जिससे हम मन को संवारते, सुधारते, सुमन बनाते हैं।
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)