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Rajrishi

गुरुनानक स्कूल के बच्चों को ब्रह्माकुमारी बहनों ने पढ़ाया नैतिकता का पाठ

हर एक्टिविटी में शामिल हो बच्चे – ब्रह्माकुमारी गायत्री

गुरुनानक स्कूल के बच्चों को ब्रह्माकुमारी बहनों ने पढ़ाया नैतिकता का पाठ

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बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सभी बच्चों को हर प्रकार की एक्टिविटी में शामिल होना चाहिए। चाहे वह एक्सरसाइज हो, डांस हो, संगीत हो या कोई खेल ही क्यों न हो। हमें एक अच्छा इंसान बनाने के लिए हमारे माता-पिता व शिक्षक बहुत मेहनत करते हैं, बहुत सहन करते हैं। हमें अपने बड़ो को हमसे कुछ कराने के लिए कोई बात बार बार कहना न पड़े। किसी चीज के लिए हमें जिद्द भी नहीं करना चाहिए।
उक्त बातें गुरुनानक स्कूल के बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ाते हुए ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा की बहन ब्रह्माकुमारी गायत्री बहन ने कही।
फरिश्ते की तरह होते हैं हमारे माता-पिता – ब्रह्माकुमारी पूर्णिमा
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी पूर्णिमा बहन ने कहा कि सुबह उठकर स्नान करना, भोजन से पहले अच्छे से हाथ धोना, झूठ नही बोलना, बिना पूछे किसी का सामान नहीं उठाना, माता-पिता के पैर छूकर घर से निकलना ये सभी एक अच्छे बच्चे के लक्षण हैं। यदि हम यह सोचकर कोई गलत काम करते हैं कि कोई हमें देख नहीं रहा, तो ये हमारी भूल है क्योंकि भगवान तो हमेशा हमें देखते ही रहते हैं। हमारे माता-पिता भी भगवान या फरिश्ते की तरह हैं। आपने तीन गुड़ियों की कहानी के माध्यम से एकाग्रता का पाठ पढ़ाया।
गौरी बहन ने बच्चों को सभी कार्य समय से करने और गुस्सा न करने की शिक्षा दी। आपने लाइट एक्सरसाइज का अभ्यास और कंसंट्रेशन पॉवर की चेकिंग के लिए खेल कराया।
हर कर्म समर्पणता से करें और आपस में निःस्वार्थ स्नेह का भाव हो – ब्रह्माकुमारी डॉक्टर संगीता
टिकरापारा में राजयोग शिविर का पहला दिन, बताया तनाव मुक्ति के तरीके
आज के इस दौर में सच्चा स्नेह मिलना बहुत मुश्किल है किंतु यदि हम स्वयं ही निःस्वार्थ स्नेह बांटते हैं तो जरूर हमें भी दूसरों से प्यार मिलता ही है जो कि हमारा तनाव कम करता है। तनाव से दूर रहने के लिए अपना हर कार्य समर्पणता के साथ करें। क्योंकि यदि समर्पण नही होगा तो कार्य पूरे नहीं हों, और पेंडिंग कार्य एकत्रित हो कर तनाव का रूप ले लेते हैं।
ये बातें ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में चल रहे राजयोग शिविर के पहले दिन ब्रह्माकुमारी डॉक्टर संगीता बहन ने शिविरार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहीं। हर एक को खुशी देना, समय प्रबन्धन, मेडिटेशन आदि के आधार पर आपने तनावमुक्त जीवन जीने के तरीके बताए।
सेवाकेंद्र की सदस्य उषा साहू ने जानकारी दी कि दूसरे दिन का सत्र सेवाकेंद्र प्रभारी आदरणीय मंजू दीदी लेंगी।
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