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Rajrishi

ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में साधकों ने समझा दीपावली का आध्यात्मिक रहस्य

प्रेस-विज्ञप्ति

पवित्रता के प्रकाष से करें स्वयं को प्रकाषित – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

संगठन श्क्ति का यादगार पर्व है दीपावली

ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में साधकों ने समझा दीपावली का आध्यात्मिक रहस्य

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‘‘दीपावली पर्व हमें यह याद दिलाती है कि हम संगठित होकर जग को प्रकाषित करें। एक अकेला दीपक न तो इतना प्रकाष दे सकता है, न किसी को आकर्षित कर सकता है। इसलिये इस दिन घरों की छतों पर या अन्य स्थानों पर दीपकों की पंक्तियां जलाई जाती है कोई एक अकेला दीया नहीं। तभी तो दीपमाला बनती है। हम सभी भी जब सुपात्र बन, ज्ञान और स्नेह रूपी घृत से भरपूर होकर पवित्रता रूपी बाती की तरह अथक परिश्रम व कर्मठता से, संगठित रूप में विष्व के कोने-कोने में दिव्य गुणों का प्रकाष फैलायेंगे, तब ही सही मायने में दीवाली मनेगी।’’
उक्त बातें ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में आध्यात्मिक दीवाली मनाने उपस्थित हुए साधकों को संबोधित करते हुए सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्र.कु. मंजू दीदी जी ने कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान संगमयुग पर दीपराज परमात्मा ज्ञान रूपी प्रकाष देकर हम आत्माओं की बुझी हुई ज्योति जगाते हैं इसी के यादगार स्वरूप में दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। धनतेरस, नरक-चौदस व दीपावली पर दीप दान का गायन आता है वह वास्तव में आत्माओं की ज्योति जगाने का सूचक है। आज मनुष्य अज्ञान रूपी अंधकार के कारण स्वयं के गुणों सुख, शान्ति, आनन्द, प्रेम, ज्ञान, शक्ति और पवित्रता को भूला हुआ है। इसलिये प्रार्थना करते हैं कि तमसो मा ज्योतिर्गमय। हमें अंधकार से प्रकाष की ओर ले चलो।
वर्तमान समय स्वयं ज्ञानसूर्य परमपिता परमात्मा षिव इस धरा पर अवतरित होकर अज्ञान अंधकार दूर कर ब्रह्माकुमारी बहनों के माध्यम से ज्ञान का प्रकाष सारे विष्व में फैला रहे हैं। दीदी ने सभी शहरवासियों से अनुरोध किया कि दीवाली पर हम घर के चारों कोनों की सफाई तो करते हैं साथ ही हमारे जीवन के चार कोनां तन-मन-धन और जन अर्थात् संबंध-संपर्क में मधुरता व स्वच्छता बहुत जरूरी है। एटम बम, पटाखे फोड़ने की अपेक्षा आत्मा की श्क्ति को जागृत करने के लिये आत्मिक बॉम्ब की आतिषबाजी करें।

सेवाकेन्द्र में लक्ष्मी नारायण की झांकी बनाई गयी जिसमे (लक्ष्मी के रूप में स्वाति बहन एवं नारायण के रूप मे दिव्या बहन) तथा ज्योत से ज्योत जगाते चलो……… एवं ज्योति कलष छलके……… के गीतो पर संघ्या बहन व गौरी बहन के द्वारा सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किया गया
अंत में सभी ने मिलकर सेवाकेन्द्र में बनाये गये रंगोली पर दीपमाला जगाई। एवं प्रसाद वितरण किया गया।

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