Connect with us
 

Rajrishi

 *21 दिवसीय योग साधना का दूसरा सप्ताह – पिताश्री समान समर्पण बुद्धि*

सादर प्रकाशनार्थ
प्रेस विज्ञप्ति
*तन के साथ मन व बुद्धि का भी समर्पण किया पिताश्री ब्रह्माबाबा ने – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी*

*सब बोझ ईश्वर को अर्पित कर प्यार से निभाएं अपनी जिम्मेदारियां*

*21 दिवसीय योग साधना का दूसरा सप्ताह – पिताश्री समान समर्पण बुद्धि*

*‘जीना है बाबा जैसा’ – योग सत्र में तीन दिनों तक ट्रस्टी पन का स्वमान रहेगा*

बलौदाः ब्रह्माकुमारीज़ के साकार संस्थापक पिताश्री ब्रह्माबाबा संस्था की स्थापना से पूर्व जौहरी होने के कारण अपनी तीक्ष्ण व पारखी बुद्धि से सहज ही सेकण्ड में परमात्म सत्य को परख लिया और हिम्मत का पहला कदम उठाने के बाद दूसरा कदम समर्पणता लिया। उस सर्वषक्तिवान परमात्मा का बनते ही उन्होंने अपनी संपन्नता, सफलता और सम्मान सब कुछ उनके आगे समर्पित कर दिया। अपने मन व बुद्धि को भी पूरी तरह से समर्पित कर दिया। 21 दिवसीय योग साधना का यह दूसरा सप्ताह उनके समर्पणता के गुण पर आधारित रहेगा। ट्रस्टी रह कर कार्य करना – यह इस सप्ताह का पहला स्वमान रहेगा।
उक्त बातें ब्रह्माकुमारीज़ बलौदा में आयोजित योग साधना के अंतर्गत उपस्थित व ऑनलाइन जुड़े साधकों को ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने कही। प्रतिदिन संध्याकालीन चलने वाले इस मनन-चिंतन क्लास में शनिवार को उन्होंने कहा कि सब बोझ ईष्वर को अर्पित करते हुए अपनी जिम्मेवारी ट्रस्टी की तरह बहुत प्यार से निभाएं। ट्रस्टी के अंदर मेरापन या मोह नहीं होता ऐसे ही हमें अपने कार्यस्थल को सेवास्थान समझ अपनी जिम्मेवारियों को निभाना है। इससे हम तनाव, क्रोध, चिड़चिड़ेपन से दूर हो जायेंगे।
दीदी ने सभी को मनन-चिंतन के लिए होमवर्क दिया और कहा कि सत्संग में दिए गए श्रीमत में कहीं हम अपनी मत तो मिक्स नहीं कर देते? और अपने मन व बुद्धि को परमात्मा के लिए समर्पित कर अपनी हर जिम्मेदारी को प्यार से निभा रहे हैं…?

*कोरोना से सुरक्षा के लिए तन व मन की मजबूती जरूरी….*
दीदी ने कहा कि इस नाजुक समय में अपने तन की स्वच्छता व प्रतिरक्षातंत्र को मजबूत बनाने के साथ् मन को भी मजबूत बनाना जरूरी है। मन में किसी भी प्रकार के भय को स्थान न दें। प्रतिदिन ध्यान व प्राणायाम का अभ्यास करें और मन को सकारात्मक विचारों में व्यस्त रखें।

Continue Reading
Advertisement