Rajrishi
परम शांति का अनुभव कराता है,ओम शांति का महामंत्र – ब्रम्हाकुमारी ज्ञाना दीदी*

*सादर प्रकशार्थ
*प्रेस विज्ञप्ति*
*उड़ान बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का तीसरा दिन
*परम शांति का अनुभव कराता है,ओम शांति का महामंत्र – ब्रम्हाकुमारी ज्ञाना दीदी*
*परम शक्ति परमात्मा ही सर्व आत्माओं के परमपिता है
– ब्रम्हाकुमारी गायत्री दीदी*
स्वस्थ तन- मन के लिए सात्विक भोजन जरूरी
– ब्रम्हाकुमारी प्रीति बहन*
नरियारा सेवा केंद्र संचालिका ब्रम्हाकुमारी ज्ञाना दीदी ने ओम शांति मंत्र का अर्थ बताया कि जब हम स्मृति स्वरूप में टीककर ओम शांति कहते हैं तो, आत्मा परम शांति का अनुभव करती है क्योंकि आत्मा का स्वधर्म ही शांति है और वह शांतिधाम- परमधाम निवासी है l ओम शांति शब्द का दूसरा अर्थ जब हम किसी से मिलते हैं तो अभिवादन के रूप में भी एक दूसरे को ओम शांति कहते हैं l
ब्रम्हाकुमारी गायत्री ने कही की परमात्मा हम सर्व आत्माओं के परमपिता है -उन्होंने ही इस सृष्टि की रचना की है जिसे वे तिरंगे झंडे के माध्यम से शिविर में उपस्थित सभी बच्चों को बताया की जैसे तिरंगे में 3 रंग होते हैं केसरिया, सफेद और हरा l ऐसे ही परमात्मा ने भी इस सृष्टि को तीन रंगों से बनाया है साकारी- हरा रंग, आकारी सफेद रंग, निराकारी सुनहरा लाल प्रकाश, साकारी जहां हम सभी रहते हैं,जहां चारों तरफ हरियाली है, दूसरा सूक्ष्मा लोक जो सफेद प्रकाश की दुनिया है, निराकारी अर्थात जो सुनहरे लाल प्रकाश की दुनिया है हम सभी आत्माओं का मूल घर है, जिसे हम शांति धाम व परमधाम कहते हैं l
तन और मन को स्वस्थ रखने के लिए रोज की दिनचर्या में हमें योगासन प्राणायाम ,एक्सरसाइज ध्यान के साथ सात्विक भोजन लेना अति आवश्यक है क्योंकि बढ़ते प्रदूषण हमें शारीरिक व मानसिक रूप से प्रभावित कर रहे हैं, इसलिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है l