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सहानुभूति व प्रेम के साथ करें इलाज – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी*

सादर प्रकाशनार्थ
प्रेस विज्ञप्ति
*सहानुभूति व प्रेम के साथ करें इलाज – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी*
शास. आयुर्वेद महाविद्यालय में नए सत्र की शुरूआत के छात्र-छात्राओं के लिए तनाव प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन
टिकरापारा बिलासपुर :- भगवान को प्यार का सागर कहते हैं और चिकित्सक को भगवान के बाद का स्थान दिया गया है तो निश्चित रूप से एक चिकित्सक के अन्दर अपनत्व, प्रेम व सहानुभूति का भाव भरा होना चाहिए। उनके इस गुण के कारण रोगी की आधी बीमारी केवल उनसे मिलने से ही ठीक हो जाती है।
उक्त बातें आयुर्वेदिक कॉलेज में नए बैच को संबोधित करते हुए ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा सेवाकेन्द्र की संचालिका एवं महाविद्यालय की कमिटी की सलाहकार सदस्य ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने कही। आयुर्वेद चिकित्सा प्राचीन भारतीय चिकित्सा है इसका चुनाव कर आपने बहुत अच्छा कार्य किया है। पैथी अर्थात् चिकित्सा में सबसे श्रेष्ठ है सिम्पैथी। अपना लक्ष्य मनी माइण्डेड बनने का न रख, सबके प्रति दया, करूणा व प्रेम के भाव से भरपूर बनने का रखें क्योंकि ये सबसे बड़े धन हैं।
दीदी ने विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन देते हुए कहा कि पढ़ाई में आगे जाने के लिए एकाग्रता और दृ़ढ़ता की मुख्य जरूरत होती है। यह कलयुग का समय है इस उम्र में हार्मोनल परिवर्तन के कारण फिज़ीकल अर्थात शारीरिक आकर्षण के वशीभूत हो जाते हैं और अपने विवेक का खून कर गलत मार्ग में चले जाते हैं। जिसका अंतिम परिणाम सिवाय पश्चाताप व आंसू के और कुछ नहीं रहता। युवा जिसे प्यार समझते हैं वो प्यार का विकृत रूप अर्थात् केवल शारीरिक आकर्षण है जो आगे बढ़ाने के बजाय उन्नति रोक देता है।
इस स्थिति में सबसे शुद्ध स्नेह करने वाले माता-पिता को भी कुछ नहीं समझते। कभी भी अपने पैरेन्ट्स को जवाब न दें और उनका आशीर्वाद लें तब ही सच्ची सफलता मिलेगी। इमोशनल व्यक्ति कमजोर नहीं शक्तिशाली होता है।
दीदी ने सभी को मेडिटेशन की प्रैक्टिस कराई। अंत में कु. नेहा देवांगन, निलेश कुमार एवं अन्य छात्र-छात्राओं ने इस सत्र के अनुभव साझा किये। दीदी ने सबका उमंग-उत्साह बढ़ाने के लिए युवा शक्ति पर आधारित गीत के माध्यम से म्यूज़िकल एक्सरसाइज़ व एक्यूप्रेशर का अभ्यास कराया।
महाविद्यालय के प्रोफेसर प्रवीण मिश्रा ने कार्यक्रम का संचालन किया। डॉ. मीनू खरे ने आभार प्रदर्शन किया और सभी छात्रों से कहा कि वे प्रतिदिन मेडिटेशन के लिए समय जरूर निकालें और अपनी डाइट के साथ दिनचर्या को सेट करें। इस अवसर पर प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं के साथ ब्रह्माकुमारी ईश्वरी बहन व बीके अमर भाई भी उपस्थित रहे।