पे्रस-विज्ञप्ति- 01
योग प्रषिक्षक करेंगे स्वामी विवेकानंद जी के 100 युवाओं की पूर्ति
बिलासपुर के बहतराई स्टेडियम व बिल्हा में योग प्रषिक्षण के दौरान मनाया राष्ट्रीय युवा दिवस
‘‘स्वामी विवेकानंद जी ने विष्व परिवर्तन के लिए 100 चरित्रवान, श्रेष्ठ युवाओं का आह्वान किया था। योग प्रषिक्षण के माध्यम से जब हम योग, आसन, प्राणायाम व ध्यान को अपने जीवन में उतारेंगे तब ऐसे श्रेष्ठ युवाओं की पूर्ति निष्चित है जिससे पूरे विष्व का परिवर्तन कर आध्यात्म का झण्डा फहराया जा सकेगा। योग को अपनाकर हर एक गांव का व्यक्ति ऐसा व्यसनमुक्त, श्रेष्ठ और चरित्रवान होगा कि शराब, सिगरेट, गुटखा आदि की दुकानें तो होंगी लेकिन उसका उपभोग करने वाला व्यक्ति नहीं होगा जिससे स्वतः ही ऐसी दुकानें बन्द हो जायेंगी। स्वामी विवेकानंद जी 38 वर्ष की आयु में ही अपने श्रेष्ठ व्यक्तित्व के आधार पर विष्व विख्यात हो गए। हम विवेकानंद जी जैसा यदि नहीं बन सकते लेकिन कम से कम उनके आदर्षों को अपने जीवन में उतारने वाला तो बन ही सकते हैं।’’
उक्त बातें राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर बिल्हा व बहतराई के योग प्रषिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए योग आयोग की सदस्य, ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने कही।
आतिथेय उद्बोधन के लिए पधारे आर्ट आॅफ लिविंग के वरिष्ठ सदस्य भ्राता धरेन्द्र अरोरा जी ने आज प्रतिभागियों को ध्यान का अभ्यास कराया और कहा कि ध्यान दो अक्षर से मिलकर बना है ‘धि’ और ‘न’ से। धि अर्थात् बुद्धि और न अर्थात् नहीं, ध्यान में बुद्धि लगाने की आवष्यकता नहीं। एकाग्रता ध्यान नहीं है, एकाग्रता तो ध्यान से प्राप्त होने वाला एक लाभ है। उन्होंने प्रतिभागियों के ध्यान संबंधी प्रष्नों का समाधान भी किया। अंत में अतिथि, मास्टर ट्रेनर्स व सभी प्रतिभागियों ने मिलकर भारत माता की आरती की।
युवा दिवस के अवसर पर मास्टर ट्रेनर कु. रानी दीपाली ने बिल्हा व बहतराई दोनों स्थानों पर युवा शक्ति पर आधारित गीत- कौन-सा ऐसा काम है जो इनसे नहीं हुआ, युवा ये युवा, हैं सबको प्यारे युवा…. पर बहुत सुंदर नृत्य की प्रस्तुति दी। इससे पूर्व आज सत्र की शुरूआत में हार्टफूलनेस संस्थान द्वारा ध्यान का अभ्यास कराया गया और मास्टर ट्रेनर गणेषीलाल गुप्ता के द्वारा योग सत्र लिया गया।
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)
पे्रस-विज्ञप्ति 2
योग और आध्यात्म के आदर्ष हैं स्वामी विवेकानंद – सुनील टूटेजा
महाराजा रणजीत सिंह सभागार में युवा दिवस मनाने के साथ हुआ योग षिविर का समापन
‘‘स्वामी विवेकानंद जी ने कहा कि उठो, जागो और तब तक न रूको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाये। इस नारे में गहराई की बात यह है कि हमें निरंतर अच्छे मार्ग पर चलने के लिए एक श्रेष्ठ लक्ष्य बनाने की आवष्यकता है। विषेष कर आज के युवाओं में अधिकतर देखा जाता है कि जीवन का कोई लक्ष्य बनाये बिगर श्रम करते रहते हैं जो कि असफलता का विषेष कारण बनता है। स्वामी जी के जीवन से हमें योग और आध्यात्म को अपनाते हुए कर्म करने की प्रेरणा मिलती है।’
उक्त उद्बोधन गुरूनानक स्कूल के प्रांगण में स्थित महाराजा रणजीत सिंह सभागार आयोजित तीन दिवसीय योग षिविर के समापन सत्र में युवा दिवस के अवसर पर उपस्थित युवाओं को संबोधित करते हुए टूटेजा ट्यूटोरियल्स के डायरेक्टर भ्राता सुनील टूटेजा जी ने दिये।
स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर विषिष्ट अतिथि के रूप में पधारे पं. सुंदरलाल शर्मा के रजिस्ट्रार भ्राता राजकुमार सचदेव जी ने विवेकानंद जी के जीवन के विभिन्न प्रेरणादायी घटनाओं का वर्णन करते हुए युवाओं का मार्गदर्षन किया एवं उन्हें प्रोत्साहित भी किया।
योग षिविर में उपस्थित विद्यार्थियों ने इन तीन दिनों में योग की विधियां सीखीं व एजुकेषनल कैरियर में योग किस प्रकार मददगार है-यह भी सीखा। षिक्षकों के द्वारा विद्यार्थियों की समस्याओं का निराकरण भी किया गया।
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)